Gurjar Aarakshan: समझौते के बाद भी नहीं सुलझ रहा आरक्षण का मुद्दा, एमएलए को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाने से बढ़ा विवाद

Chhattisgarh Reporter
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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर  

जयपुर 13 फरवरी 2022। राजस्थान में गुर्जर आऱक्षण को लेकर गहलोत सरकार की तरफ कई समझौते किए जा चुके हैं। इसके बाद भी गुर्जर आरक्षण का मुद्दा नहीं सुलझ रहा है। ताजा विवाद देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष पद राजनीतिक नियुक्ति को लेकर हो गया है। राज्य सरकार ने विधायक जोगिंद्रर सिंह अवाना को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है। सीएम गहलोत के इस निर्णय का गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने विरोध करते हुए कहा कि सरकार ने वादाखिलाफी की है। समझौता को पालन नहीं किया है। राजनीतिक व्यक्ति को बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया।

हिम्मत सिंह गुर्जर ने ट्वीट कर कहा- गुर्जर आरक्षण के लिए प्रदेश के 73 युवाओं की जानें चली गई थी। मुकदमें चलें। तब जाकर आरक्षण मिला। विडंबना देखिए 15 साल में देवनारायण बोर्ड को दो चैयरमेन मिले वो भी अन्य प्रदेशों से।  हिम्मत सिंह गुर्जर ने गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। गहलोत सरकार 31 अक्टूबर 2020 में हुए गुर्जरों के साथ हुए समझौते की पालना नहीं कर रही है।

देवनारायण बोर्ड को दो चैयरमेन मिले, वो भी अन्य प्रदेशों से 

हिम्मत सिंह गुर्जर का कहना है कि गहलोत सरकार ने देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष ऐसे विधायक को बनाया है जो राजस्थान का नहीं है। सरकार के इस निर्णय से गुर्जर आरक्षण के लिए सड़क पर उतरने वाले और पुलिस की लाठी खाने समाज के युवकों के साथ अन्याय हुआ है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल ही में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए नदबई के विधायक जोगिंद्रर सिंह अवाना को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है। विधायक अवाना मूलत: राजस्थान के रहने वाले नहीं है। इससे पहले पिछली सरकार में एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। गहलोत सरकार में एमबीसी वर्ग न तो प्राथमिकता की सूची में है, न उपयोगिता में। 15 महीने से एमबीसी आरक्षण पर समझौते की पालना न करना  और देवनारायण बोर्ड योजना का क्रियान्वयन भी विधायक को सौंप देना अनुचित है। ऐसा लगता है कि गुर्जरों समेत 5 जातियों की उपयोगिता राज्य सरकार को नहीं है। इस सच को सभी को स्वीकार कर लेना चाहिए। 

नर्सिंग भर्ती 2013 को पूरा नहीं करने का आरोप

हिम्मत सिंह गुर्जर ने गहलोत सरकार पर समझौता की पालना नहीं करने का आरोप लगाया है। हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि रीट 2018 के संबंध में एमबीसी हेतु 940 पद 5 प्रतिशत के आधार पर बनते थे।  जिनमें से 568 पर नियुक्ति दी जा चुकी है। शेष 372 पदों के लिए नियुक्ति नहीं दी गई है। जबकि सरकार जल्द ही नियुक्ति देने का वादा किया था। इसी तरह नर्सिंग भर्ती 2013 को राज्य सरकार पूरा नहीं किया है।  गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और कैबिनेट सब कमेटी की 31 अक्टूबर 2020 को हुई वार्ता में सहमति बनी थी।

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