छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
चंडीगढ़ 13 फरवरी 2022। पंजाब में कांग्रेस का प्रचार अभियान एक तरह से चुनाव नहीं जीतने का सबक है। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब में कांग्रेस के ऐसे सेनापति हैं, जिनके पास ‘फुट सोल्जर्स’ ही नहीं है। वे अकेले चुनाव लड़ते हुए दिख रहे हैं। उनके साथी पार्टी के पहिये को मजबूत करने के बजाय बयानों से उन्हें असहज कर रहे हैं। राज्य के कांग्रेस के 11 लोकसभा और राज्यसभा सांसदों में से अधिकांश ने नवजोत सिद्धू को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में पदोन्नत करने का विरोध किया था। उनमें से अधिकांश अब अपने निर्वाचन क्षेत्रों तक ही सीमित हैं। राज्यसभा सांसद शमशेर दुलो ने मुख्यमंत्री चन्नी और केंद्रीय नेतृत्व के सूत्रधार हरीश चौधरी पर कई गंभीर लगाए हैं। उनका दावा है कि शराब माफिया से जुड़े लोगों को बढ़ावा देने के लिए टिकट बंटवारे में पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई।
जाखड़ की नाराजगी भी कर रही परेशान
चन्नी की तरह पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष दुल्लो अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं। उनके बयान और एक अन्य पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के गुस्से ने दलित और हिंदू मतदाताओं तक पार्टी की पहुंच को प्रभावित किया है। जाखड़ ने आरोप लगाया था कि हिंदू होने के कारण उनके पास समर्थन होते हुए भी सीएम नहीं बनाया गया।
कांग्रेस सांसदों ने पार्टी से ऊपर परिवार को रखा
कलह का स्तर ऐसा है कि कई अन्य सांसदों ने अपने परिवारों को पार्टी से ऊपर रखा है। खडूर साहिब के सांसद जसबीर गिल (अपने बेटे को टिकट से इनकार करने से परेशान) ने शिरोमणि अकाली दल के साथ चतुराई से गठबंधन किया है। हालांकि उनके भाई हाल ही में अकाली बने हैं। इसी तरह पटियाला की प्रणीत कौर अपने पति और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के लिए पटियाला शहर में खुलकर समर्थन मांग रही हैं।
आरक्षित जालंधर और फतेहगढ़ साहिब सीटों से लोकसभा सदस्य संतोख सिंह चौधरी और अमर सिंह की कहानी भी अलग नहीं है। वे सक्रिय हैं लेकिन अपने बच्चों की फिल्लौर और रायकोट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ने की संभावनाओं पर अधिक ध्यान देने के साथ। एक अन्य पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा गुरदासपुर के कादियां से उम्मीदवार हैं।
मनीष तिवारी भी चल रहे नाराज
आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी ने कहा है, “कांग्रेस ने मुझे टिकट दिया लेकिन स्थानीय नेताओं ने मुझे चुना। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए अपना कर्तव्य निभा रहा हूं कि वे विधानसभा में लौट आएं।” तिवारी पार्टी पर टिप्पणी करने से परहेज कर रहे हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस ने उन्हें स्टार कैंपेनर की लिस्ट से बाहर रखा था।
चुनावी मैदान से अंबिका सोनी भी गायब
अंबिका सोनी की अनुपस्थिति परेशान करने वाली है। कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में उनका नाम है। शायद जाखड़ की उस नाराजगी से वह निराश हो गई, जिसने अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद उनकी पदोन्नति को रोक दिया था। अंबिका सोनी ने कहा था कि पंजाब का सीएम कोई हिंदू नहीं, बल्कि सिख होना चाहिए।
पंजाब में आप और अकाली के हौसले बुलंद
इसके उलट आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के हौसले बुलंद हैं। अरविंद केजरीवाल पंजाब के लिए लगातार उड़ान भरने वाले हैं, जहां उनके स्थानीय शुभंकर, भगवंत मान, आभासी और व्यक्तिगत रूप से सर्वव्यापी हैं। उनके भाषणों और इंटरव्यू के क्लिप पूरे पंजाब में वायरल हैं। इस बीच अकाली का नेतृत्व बादल त्रिमूर्ति (प्रकाश सिंह बादल, उनके बेटे सुखबीर और बहू हरसिमरत बादल) कर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ता मजबूत हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस में आने वालों से अधिक पार्टी छोड़ने वालों की संख्या है।