छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के कृषि कानूनों पर फिर आगे बढ़ने वाले बयान पर विपक्ष हमलावर हो गया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, मोदी सरकार के मंत्री के बयान से उनके किसान विरोधी षड्यंत्र एक बार फिर बेनकाब हुआ है। ये साफ है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में फायदे के लिए ही कृषि कानूनों को वापस लिया गया था, एक बार चुनाव होने के बाद मोदी सरकार अपने मित्र पूंजीपतियों के फायदे के लिए किसान विरोधी इन कानूनों को नई शक्ल में दोबारा थोपेगी।
सुरजेवाला ने कहा, केंद्र के काले कृषि कानूनों के खिलाफ 380 दिन से अधिक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन किया। इसमें 700 से अधिक किसान वीरगति को प्राप्त हुए। आखिर में अहंकारी मोदी सरकार को झुकना पड़ा। प्रधानमंत्री ने किसानों से माफी मांगी और तीनों काले कानून संसद में वापस ले लिया। कांग्रेस पार्टी ने तब भी इसे चुनावी भय से किया हुआ राजनीतिक स्टंट बताया था और उसके बाद के भाजपा नेताओं के बयानों से ये साफ भी हुआ। 21 नवंबर, 2021 को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने कहा था कि ये कानून किसी और शक्ल में वापस लाए जाएंगे। इसी दिन उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने एक सार्वजनिक सभा में कहा, तीनों कानूनों को वापस लाया जाएगा। अब कृषि मंत्री ने भी इसे दोहराया। सुरजेवाला ने कहा, लेकिन कांग्रेस का यह संकल्प है कि मोदी सरकार की इस झूठ-फूट और लूट की राजनीति को पूरी तरह से विफल किया जाएगा।
मोदी तोमर के बयान पर स्पष्टीकरण दें, माफी मांगें
सुरजेवाला ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी को देश के सामने आकर किसानों से माफी मांगनी चाहिए और कृषि मंत्री के इस बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्हें देशवासियों को बताना चाहिए कि नरेंद्र तोमर, भाजपा, संघ और उनके लोग आखिर क्या षड्यंत्र कर रहे हैं।
रंग बदलने में इस सरकार ने गिरगिट को किया फेल: जयंत
आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा, रंग बदलने में मोदी सरकार ने गिरगिट को भी पीछे छोड़ दिया है। कृषि मंत्री का बयान इसका सीधा उदाहरण है। मोदी सरकार 2024 में आई तो ये संविधान तक को बदल सकती है।