छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कोलकाता 22 नवंबर 2021। भारत ने तीन मैचों की टी-20 सीरीज का तीसरा मैच जीतकर सीरीज 3-0 से अपने नाम कर ली है। तीसरे टी-20 में भारत ने कीवी टीम को 73 रनों से हराया और रोहित-द्रविड़ युग की शुरुआत जीत के साथ हुई। भारत ने पहली बार न्यूजीलैंड को क्लीन स्वीप किया है। इससे पहले 2020 में हुई सीरीज में भी कीवी टीम भारत से कोई मैच नहीं जीत पाई थी, लेकिन दो मैच टाई हुए थे। इस बार भारत ने सभी मैच आसानी से जीते हैं। द्रविड़ के बाद रोहित दूसरे भारतीय कप्तान हैं, जिन्होंने शुरुआती चार सीरीज में कप्तानी करते हुए जीत हासिल की है। भारत के लिए सुखद यह है कि ये दोनों ही टीम इंडिया के सबसे अहम पदों पर हैं। इस सीरीज में भारत की ओपनिंग जोड़ी ने कमाल की बल्लेबाजी की और खूब रन बनाए। वहीं बुमराह और शमी के न होने के बावजूद गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया और इस सीरीज भारत की कई चिंताएं दूर हो गईं। हालांकि अभी भी मध्यक्रम की समस्या बनी हुई है। यहां हम बता रहे हैं कि भारत के लिहाज से यह सीरीज कैसी रही और कैसे भारत ने कीवियों का सूपड़ा साफ किया।
ओपनिंग जोड़ी का कमाल
टी-20 वर्ल्डकप में रोहित-राहुल की जोड़ी ने बाद के तीन मैचों में खूब रन बनाए थे। उस समय यह कहा गया कि छोटी टीमों के खिलाफ बल्लेबाजी करना आसान था। इस सीरीज में इन दोनों ने ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी, ईश सोढ़ी और सैंटनर के खिलाफ रन बनाए। ये वही गेंदबाज थे, जिन्होंने वर्ल्डकप में भारत को 110 रनों पर रोक दिया था। रोहित और राहुल की जोड़ी ने इस सीरीज के दो मैचों में साथ मिलकर 167 रन बनाए। वहीं रोहित के बल्ले से 159 और दो मैचों में राहुल के बैट से 80 रन निकले।
गेंदबाजों का अच्छा प्रदर्शन
इस सीरीज में भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी को आराम दिया गया था, लेकिन हर्षल पटेल ने उनकी कमी नहीं खलने दी। उन्होंने 12.75 के औसत से दो मैचों में चार विकेट अपने नाम किए। इसके साथ ही रविचंद्रन अश्विन अब पूरी तरह से अपनी लय में वापस आ चुके हैं। उन्होंने दो मैचों में तीन विकेट निकाले और उनका औसत 14 का रहा। इसके साथ ही अक्षर पटेल ने अच्छी गेंदबाजी की और हर मैच में भारत की स्पिन जोड़ी ने बीच के ओवरों में विकेट निकाले।
भारत की बैकअप टीम तैयार
जडेजा की जगह टीम में शामिल किए गए अक्षर पटेल ने कमाल का प्रदर्शन किया और तीन मैच में चार विकेट अपने नाम किए। उनकी इकोनॉमी भी छह की रही। अब जडेजा के न रहने पर या उनका वर्कलोड कम करने के लिए अक्षर को मौका दिया जा सकता है। टेस्ट में वो पहले ही खुद को साबित कर चुके हैं। उनके अलावा हर्षल पटेल ने तीसरे गेंदबाज के रूप में अपना दावा मजबूत किया है। उन्होंने बीच के और अंत के ओवरों में विकेट निकाले हैं। बुमराह और शमी के साथ वो भारत के तीसरे तेज गेंदबाज हो सकते हैं, क्योंकि वो बल्ले के साथ भी योगदान दे सकते हैं। उनके अलावा वेंकटेश अय्यर ने भी ठीक-ठाक प्रदर्शन किया है।
रोहित को मिला किस्मत का साथ
टी-20 वर्ल्डकप में भारत का टॉस न जीतना हार की बड़ी वजह बना था। ट्रॉफी जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया के कप्तान फिंच ने सात में से छह टॉस जीते थे और जिस मैच में वो टॉस हारे थे उसमें उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा था। दोनों सेमीफाइनल और फाइनल मैच में भी लक्ष्य का पीछा करना आसान था। सभी नॉकआउट मैच बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीमों ने ही जीते थे। भारत में भी टॉस की अहमित थी और रोहित ने तीनों मैच में टॉस जीते। हालांकि सीरीज का आखिरी मैच भारत ने लक्ष्य का बचाव करते हुए जीता।
अभी भी बरकरार हैं ये कमियां
भारतीय टीम का मध्यक्रम अभी भी फॉर्म में नहीं है। सीरीज के दो मैचों में शुरुआती दो विकेट गिरने के बाद मध्यक्रम के बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाए। ऋषभ पंत और अय्यर का प्रदर्शन भी उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा है। शुरुआती विकेट जल्दी गिरने पर भारत का मध्यक्रम भरोसे के लायक नहीं है। वहीं वेंकटेश अय्यर शुरुआती तीन मैचों में ऐसा कुछ नहीं दिखा पाए, जिसकी उनसे उम्मीद थी। हालांकि तीसरे मैच में उन्होंने छोटी लेकिन अहम पारी खेलकर भारत को संभाला। उनसे आगे और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। हालांकि अभी भी भारत की ऑलराउंडर की खोज पूरी नहीं हुई है।