छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
17 सितम्बर 2021। हमारे देश में मां के दूध के बाद गाय के दूध को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। शिशु 6 महीने तक मां का दूध पीता है लेकिन इसके बाद जिंदगीभर तक वो ज्यादातर गाय का दूध ही पीता है। हालांकि, कुछ बच्चों को गाय के दूध से एलर्जी हो सकती है। जब एलर्जन श्वसन मार्ग या खराब खाने के जरिए पाचन मार्ग में चले जाते हैं, तो एलर्जी पैदा होती है। दूध, नट्स, सोया, गेहूं, सीफूड और गाय के दूध से बच्चों में अक्सर एलर्जी के लक्षण देखे जाते हैं। दो साल से कम उम्र के बच्चों में गाय के दूध से प्रोटीन एलर्जी काफी होती है। अगर आपका बच्चा भी दो साल से कम उम्र का है तो आपको बहुत सावधान रहते हुए उसमें गाय के दूध से होने वाली प्रोटीन एलर्जी के लक्षणों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
क्या होती है काउ मिल्क प्रोटीन एलर्जी
कभी-कभी गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन को शरीर बाहरी पदार्थ समझ लेता है और इसकी प्रतिक्रिया में कुछ केमिकल बनाने शुरू कर देता है। इससे काउ मिल्क एलर्जी के लक्षण शुरू होने लगते हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में स्तनपान करने वाले शिशु को भी डेयरी प्रोटीन से एलर्जी हो सकती है। इसमें मां के गाय का दूध पीने पर, उसका प्रोटीन शिशु तक पहुंचने पर एलर्जी हो सकती है।
पहले सीएमपीए को समझें
सीएमपीए एक तरह की मिल्क एलर्जी है जिसमें बच्चे का इम्यून सिस्टम गाय के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन पर प्रतिकिया करता है। इससे बेबी में एलर्जी के लक्षण दिखने लगते हैं। इसके लक्षणों में स्किन पर खुजली, रैशेज, दस्त, उल्टी, कब्ज, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, बहती नाक शामिल हैं। आमतौर पर सीएमपीए शिशु के एक साल के होने से पहले ही दिख जाता है। गाय के दूध की एलर्जी में तुरंत जो लक्षण सामने आते हैं, वो हैं एक्यूट यूर्टिकेरिया, राइनाइटिस, सूखी खांसी, उल्टी। इसके दीर्घकालिक लक्षणों में लंबे समय तक दस्त, मल में खून आना, आयरन की कमी से एनीमिया, कब्ज, कोलिक, विकास न होने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
क्या करें
मिल्क एलर्जी के लक्षण हल्के से कभी-कभी जानलेवा भी हो सकते हैं। इस स्थिति का समय पर पता चलना बहुत जरूरी है। जब भी आप बच्चे को गाय का दूध या कोई नई चीज खिलाते हैं, तो पहले दो दिन तक इंतजार करें और देखें कि कहीं बच्चे में उस चीज को खाने के बाद कोई एलर्जी का लक्षण तो नहीं दिख रहा है।
निदान कैसे करें
सीएमपीए के लक्षण कई और स्थितियों से मिलते-जुलते हैं इसलिए इसका पता चलना आसान नहीं होता है। इसके लिए कई स्किन प्रिक टेस्ट मौजूद हैं लेकिन उन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि वो सिर्फ कुछ प्रकार की एलर्जी के बारे में बताते हैं। बच्चे की डाइट से गाय के दूध को पूरी तरह से हटाने के बाद दो से चार हफ्तों में लक्षणों में सुधार आ जाएगा और दोबारा गाय का दूध देने पर लक्षणों के वापिस आने का मतलब है कि बच्चे को उससे एलर्जी है।