उत्तर प्रदेश में शादी-समारोह को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं
शादी-समारोह के लिए लोगों को पुलिस या प्रशासन से अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं
अगर कहीं भी पुलिस कोई दुर्व्यहार करती है तो उसके खिलाफ सख्त कर्रवाई की जाएगी
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
लखनऊ 26 नवम्बर 2020। उत्तर प्रदेश में शादी समारोहों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि शादी के लिए पुलिस या प्रशासनिक अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं, कहीं से भी पुलिस दुर्व्यवहार की शिकायत आई तो होगी सख़्त कार्रवाई होगी। इसके लिए अधिकारियों की भी जवाबदेही तय होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल सूचना देकर कोविड प्रोटोकाल और गाइडलाइन के सभी निर्देशों का पालन करते हुए कोई भी शादी समारोह का आयोजन कर सकता है। सीएम ने कहा कि शादी की गाइडलाइन के नाम पर किसी का भी उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन इसके लिए लोगों को जागरूक करें, गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शादी में बैंड बजाने और डीजे पर कोई रोक नहीं है। निर्धारित समय में इसे बजाने से रोकने वाले अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर कठोर एक्शन होगा।
इससे पहले सरकार ने 100 से ज्यादा लोगों पर लगाया प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को शादी समारोह को लेकर एडवायजरी जारी की थी। कंटेनमेंट जोन के बाहर होने वाले शादी समारोह, सांस्कृतिक, खेल, राजनीतिक कार्यक्रमों व अन्य आयोजनों में महज 100 लोग ही शामिल होने की बात कही गई थी। शादी में बैंड और डीजे लगाने पर बैन कर दिया गया था। बीमार व बुजुर्ग व्यक्ति किसी भी समारोह का हिस्सा नहीं होंगे।
यह दिशा-निर्देश मुख्य सचिव आरके तिवारी की तरफ से जारी किया गया था। हर जगह दो गज की दूरी, मास्क, हैंडवॉश व सैनिटाइजर की व्यवस्था का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। सख्ती से कहा गया है कि यदि नियमों का उल्लंघन हुआ तो FIR दर्ज होगी। यह निर्णय कोरोना की रोकथाम के लिए लिया गया थ।
सीएम योगी ने जताई थी चिंता
दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखकर योगी सरकार पहले ही सतर्क हो गई है। एक तरफ जहां NCR में दिल्ली से आने वालों का टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, अब सामूहिक आयोजनों में शामिल होने वालों की संख्या पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया है। योगी आदित्यनाथ ने शादी-समारोहों में 200 की जगह 100 से अधिक लोगों को शामिल न होने देने के निर्देश दिए थे।