
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 31 जुलाई 2021। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी घमासान चल रहा है। भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार पर ये आरोप लगाती रही है कि सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने हाथ में गंगाजल लेकर शराबबंदी की कसम खाई थी, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे सिरे से खारिज किया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, भाजपा झूठ बोल रही है, गंगाजल लेकर शराबबंदी के लिए, नहीं बल्कि 2500 रुपये धान के समर्थन मूल्य को लेकर कांग्रेस ने कसम खाई थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शराबबंदी को लेकर 1 जनवरी 2022 को लेकर अशासकीय संकल्प लाया गया था, जिस पर जमकर हंगामा भी हुआ था।
शराबबंदी को लेकर मचे बवाल पर राज्य सरकार की ओर से मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया और साथ ही समितियों के बनाए जाने का जिक्र भी किया। मोहम्मद अकबर ने कहा कि शराबबंदी को लेकर राजनीतिक समिति की बैठक हुई। इसके अलावा प्रशासनिक समिति की भी बैठक हुई।राजनीतिक समिति में भाजपा, जोगी कांग्रेस और बीएसपी से नाम मंगाए गए थे, लेकिन अभी तक उनके नाम नहीं आए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही तीन समितियां गठित की गई हैं, जिनमें अलग-अलग समाज के लोग शामिल हैं।
मणिपुर, केरल समेत कई राज्यों में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई, लेकिन सफल नहीं हुई थी। वहीं कोरोना काल में जबकि सब बंद था, सैनेटाइजर और स्प्रिट पीकर लोगों की मौतें हुई, लेकिन फिर भी पूर्ण शराबबंदी के लिए अध्ययन जारी है। इस पूरे मामले में कांग्रेस भाजपा सरकार पर हमलावर है और पूर्ण शराबबंदी का वादा पूरा नहीं करने वाले मुद्दे पर अटकी हुई हैं। दोनों ही पार्टियों में छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर मचे सियासी घमासान थमने के कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं।