छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
अभिनेत्री रिमी सेन ने कई हिट फिल्मों में काम किया। उनके फैंस फिल्म ‘हंगामा’, ‘गोलमाल’, ‘फिर हेरा फेरी’ और ‘गरम मसाला’ में उनके किरदारों को आज भी याद करते हैं। हालांकि इसके बाद रिमी बॉलीवुड में कुछ खास नहीं कर पाईं। अब वह फिर से इंडस्ट्री में वापसी के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।
पैसों के लिए करनी पड़ी थीं फिल्में
ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में रिमी ने बताया कि उन्होंने कई बड़ी फिल्मों के लिए ऑडीशन दिए। अच्छे रिस्पॉन्स के बावजूद वह सेलेक्ट नहीं हुईं। एक वक्त ऐसा भी आया जब उन्हें केवल पैसों के लिए काम करना पड़ा। रिमी कहती हैं ‘मैंने अपने करियर की शुरुआत म्यूजिक वीडियोज और गानों से किया क्योंकि आर्थिक जरूरतों की वजह से मैं काम कर रही थी। रोजी रोटी के लिए मेरे पास कोई डिग्री नहीं थी। मैं एक क्लासिकल डांसर हूं तो एक्सप्रेशन अपने आप आ जाते हैं। मैंने कभी भी इस प्रोफेशन को नहीं चुना बल्कि इसने मुझे चुना। मुझे नोटिस में आना पसंद नहीं था। ना ही मुझे अटेंशन और प्रसिद्धि की चाहत थी। एक पोर्टफोलियो बनाया और मुझे मॉडलिंग के ऑफर आने लगे। यह सोचकर मैं फिल्मों में आ गई जिससे मैं आर्थिक रूप से सुरक्षित रहूं। सिर्फ पैसा कमाना ही मेरी जिंदगी का उद्देश्य था।‘
‘स्वदेस’ और ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ का दिया था ऑडीशन
रिमी बताती हैं कि उन्हें एक ही तरह के रोल ऑफर हो रहे थे। कॉमेडी फिल्मों के रोल में वो टाइपकास्ट हो गई थीं। यह सब करते करते वह थक गईं। उन्होंने जो गंभीर फिल्में कीं वह इंडस्ट्री में कुछ खास कमाल नहीं कर पाईं।
रिमी ने आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘स्वदेस’ के लिए भी ऑडीशन दिया था। उन्होंने कहा कि ‘मैं आशुतोष के साथ एक विज्ञापन कर चुकी थी तो उनके साथ एक रिश्ता बन गया था। तब मैंने ‘स्वदेस’ के लिए ऑडीशन दिया लेकिन बाद में गायत्री जोशी चुन ली गईं। मैंने ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ के लिए भी ऑडीशन दिया। पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला था लेकिन वह रोल ग्रेसी सिंह को मिल गया। तो इस तरह से मैंने अच्छे रोल खो दिए। हालांकि एक एक्टर की जिंदगी में यह होता है।‘
रिमी फिलहाल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वापसी की राह देख रही हैं। उन्हें लगता है कि ओटीटी ने सब कुछ बदल दिया है जहां 30 पार कर चुकीं अभिनेत्रियां भी मुख्य किरदार में होती हैं।