छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई 08 नवंबर 2023। महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर मराठा-पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बीच विवाद बढ़ता दिखाई दे रहा है। एनसीपी (अजित गुट) के नेता व खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल मराठा समाज को कुनबी मराठा का प्रमाणपत्र देने पर भड़क उठे। वहीं, राज्य के ओबीसी नेताओं ने गोलबंदी शुरू कर दी है। महाराष्ट्र सरकार सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति संदीप शिंदे समिति के माध्यम से अभिलेखों की जांच पड़ताल कर कुनबी मराठा का प्रमाणपत्र जारी कर रही है। छगन भुजबल कह रहे हैं कि कुनबी के नाम पर मराठा समाज के लोगों को पिछले दरवाजे से आरक्षण का प्रमाणपत्र बांटकर ओबीसी आरक्षण को हड़पा जा रहा है। हम अलग से मराठा आरक्षण का समर्थन करते हैं, लेकिन ओबीसी घटकों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। इसको लेकर मंगलवार को मुंबई में भुजबल के सरकारी आवास पर ओबीसी नेताओं की बैठक हुई, जिसमें सभी ने भुजबल के रुख का समर्थन किया। वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक के बाद एनसीपी (अजित गुट) के विधायक प्रकाश अन्ना शेंडगे ने कहा कि मराठा समाज को कुनबी मराठा के नाम पर प्रमाणपत्र जारी करने का हम विरोध करते है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि मराठा समाज पिछड़ा नही
हम लोगों ने फडणवीस से जातिगत गणना की मांग की है। हम दिवाली खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद राज्यभर में आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज में पौने चार सौ जातियां हैं। उनमें कुनबी मराठा के नाम पर मराठों को आरक्षण देना सरासर अन्याय है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि मराठा समाज पिछड़ा नही है। राज्य में मराठा-ओबीसी विवाद पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ओबीसी आरक्षण से अलग मराठा आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने परोक्ष रूप से छगन भुजबल को नसीहत दी कि इसको लेकर लोगों में भ्रम न फैलाएं।
शिंदे समिति अवैध, पिछड़े नहीं हैं मराठा : प्रकाश
एनसीपी (अजित गुट) के विधायक प्रकाश अन्ना शेंडगे ने कहा कि शिंदे समिति अवैध है। कोई समिति किसी की जाति नहीं बदल सकती और न ही किसी को पिछड़ा बता सकती है। हम इसे सांविधानिक रूप में चुनौती देंगे। दिवाली बाद ओबीसी समाज अपनी ताकत दिखाएगा। पहला सम्मेलन उस जालना जिले में होगा जहां मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण के लिए अनशन की शुरुआत की। उसके बाद 26 को हिंगोली में सम्मेलन किया जाएगा।
मराठों के खिलाफ रची जा रही साजिश : जरांगे
उधर, मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि बीड हिंसा में मराठा समाज के युवाओं को फंसाने के लिए ओबीसी नेताओ ने साजिश रची है। भुजबल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 2-3 लोगों ने तय किया है कि मराठा समाज को आरक्षण न मिले। मंडल आयोग ने ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण दिया है, जबकि ये 27 फीसदी आरक्षण ले रहे हैं। जरांगे पाटिल ने आरोप लगाया कि बीड हिंसा में भुजबल के रिश्तेदार शामिल रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि साजिश का सिलसिला नही रुका तो उन्हें फिर पिछली भूमिका मैं लौटना पड़ेगा।