छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
हरिद्वार 6 अप्रैल 2021। वरिष्ठ संतों ने कुंभ आयोजन व्यवस्थाओं को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सामने खासी नाराजगी जताई है। संतों ने बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सामने अपनी नाराजगी जता दी है। संतों के तल्ख तेवरों को देखते हुए भागवत ने उन्हें उत्तराखंड मुख्यमंत्री से बातचीत कर व्यवस्थाओं में सुधार का भरोसा दिलाया है।
दो दिन प्रवास के अंतिम दिन सोमवार को भागवत ने भूपतवाला स्थित काष्णिक आश्रम में वरिष्ठ संतगणों मुलाकात की। सूत्रों की माने को कुंभ की चर्चा शुरु होते ही संत तल्ख हो गए और उत्तराखंड सरकार पर जमकर बरसे। संतों ने यह कहने में कोई कसर बाकि नहीं रखी कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिहं रावत कुंभ आयोजन के पक्ष में ही नहीं थे। नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कार्यों की तारीफ करते हुए संतों ने कहा कि वे जो भी आदेश दे रहे है उनके निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। व्यवस्थाओं को लेकर संतों ने कहा कि आज भी काम पूरे नहीं हो पाए है। बैरागी संतों की नाराजगी का मामला भी भागवत के समक्ष रखा गया। संतों की बातों को सुनने के बाद भागवत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मामले में बात कर तेजी के साथ व्यवस्थाओं में सुधार का भरोसा दिलाया। उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार आकर भागवत से मुलाकात की थी।
बैठक में संतों ने मठ मंदिरों के अधिग्रहण को लेकर भी नाराजगी जताई कहा कि भाजपा के शासनकाल में मठ मंदिर अधिग्रहण पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए। बैठक में बाबा रामदेव, निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर केलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरी, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, रामभद्राचार्य, गुरु शरण आचार्य, महामंडलेश्वर परमानंद सरस्वती, चिन्मयनंद सरस्वती, श्री महंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी, चिदानंद मुनी आदि शामिल रहे।
कमेटी करे संतों की जांच
संतों ने भागवत से मांग करेत हुए कहा कि आरोप लगाने पर एक कमेटी बने जो संत के आरोपों की जांच करे। कई बार लोग झूठे आरोप लगाकर संत को बदनाम कर देते है।
देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग
देवभूमि तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल के नेतृत्व में सोमवार को पावन कृष्ण धाम में सरसंघचालक मोहन राव भागवत से भेंट की। तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने से संबंधित एक ज्ञापन भागवत को सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में सुरेश सेमवाल, कृतेश्वर उनियाल, उमेश सती, अनुरूद उनियाल व सूरज सेमवाल शामिल रहे।