रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष ने राजद में शामिल होने का निर्णय किया
उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार की पार्टी के विलय होने की अटकलें
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
पटना 12 मार्च 2021। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता दल (रालोसपा) का विलय करने से पहले पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। रालोसपा के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाहा सहित बिहार झारखंड के तमाम पदाधिकारी तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद में शामिल हो गए हैं।
तेजस्वी का दावा- कुशवाहा को छोड़ पूरी पार्टी का राजद में विलय
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की मौजूदगी में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने रालोसपा के लगभग तीन दर्जन नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को छोड़कर पूरी पार्टी का राजद में विलय हो गया। जदयू में रालोसपा के विलय से पहले राजद में पार्टी के बड़े चेहरों का जाना कुशवाहा के लिए बड़ा झटका है।
14 मार्च को होगा विलय
बची-खुची रालोसपा का 14 मार्च को पटना में जदयू में विलय होगा। इस मौके पर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रह सकते हैं। रालोसपा ने जदयू के साथ विलय पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मंजूरी लेने के लिए 13-14 मार्च को पटना में दो दिवसीय बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा 2020 में मिली हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने विलय का फैसला लिया है, लेकिन उससे पहले पार्टी में दरार पड़ती नजर आ रही है। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी ने उपेंद्र कुशवाहा का साथ छोड़ दिया था।
चुनावों के नतीजों के बाद राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश यादव और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. सुबोध मेहता ने राजद का दामन थाम लिया था। 2013 में नीतीश कुमार से नाराजगी के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू छोड़कर अपनी अलग पार्टी बना ली थी।
इसके अलावा वीरेंद्र कुशवाहा ने एक बयान में कहा कि रालोसपा का निर्माण 2009 में गांधी मैदान में हुआ। नीतीश को गद्दी से हटाने के लिए यह फैसला लिया गया था। उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश के साथ जाने का फैसला लिया, इसलिए पार्टी के राजद में विलय का लिया निर्णय ले रही है। उन्होंने आगे कहा कि हम लोग उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी से निष्कासित करते हैं।