
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
जम्मू-कश्मीर 22 अप्रैल 2025। रामबन जिले में प्राकृतिक आपदा ने भयावह तबाही मचाई है। भारी बारिश-ओलावृष्टि और भूस्खलन से 80 फीसदी से ज्यादा फसलें बर्बाद हुई हैं। 10 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हो गई है। 85 घर और 45 से ज्यादा दुकानें ध्वस्त हुई हैं। जिले की बागना पंचायत में लगभग 18-20 किलोमीटर की परिधि में फैली इस तबाही ने संचार व्यवस्था को पूरी तरह से ठप कर दिया है। 85 में से 28 फीडर प्रभावित हुए हैं। 1762 ट्रांसफार्मर में से 945 फुंकने के कारण बिजली सप्लाई बाधित हो गई है, जिससे लोगों का जीवन-यापन और भी मुश्किल हो गया है। इस आपदा में दो बेटे खोने वाले बागना गांव निवासी हनीफ के घर से रह रहकर उठ रही चीख-पुकार लोगों का दिल दहलाने वाली है। पहाड़ों से गिरे मलबे से जगह-जगह जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद हो गया है। इसे खोलने में अभी एक सप्ताह और लग सकता है, जिससे राहत कार्य में भी देरी हो रही है। मलबा हटाने और राहत पहुंचाने के लिए एक दर्जन टीमें लगी हुई हैं। सेना के जवान भी मदद के लिए आगे आए हैं।
इस प्राकृतिक आपदा का सबसे ज्यादा कहर किसानों पर टूटा है। उनके 10 हजार से ज्यादा मवेशी आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। 80 फीसदी फसलें बर्बाद हो गई हैं। कौड़ी-कौड़ी जोड़कर बनाए गए उनके आशियाने टूट गए हैं। दूसरों को आश्रय देने वाले आज खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। रोटी के लिए भी उनको प्रशासन की राहत का मोहताज होना पड़ रहा है। हाईवे और अन्य सड़कें क्षतिग्रस्त होने से बहुतों को मदद तक नहीं मिल पा रही। कई लोग मलबे के नीचे दबे सामान को निकाल रहे हैं, ताकि उनकी गृहस्थी की गाड़ी जल्दी पटरी पर लाैट सके। इस प्राकृतिक आपदा ने सबसे ज्यादा चोट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पहुंचाई है। तबाही के ये निशां वर्षों तक रहेंगे। प्रभावित लोगों ने सरकार से विशेष पैकेज की गुहार लगाई है।
रामबन में भीषण तबाही
28 फीडर प्रभावित हुए हैं, 945 ट्रांसफार्मर फुंके हैं।
71 सड़कों पर आवागमन बंद है।
43 पेयजल परियोजनाएं बाधित हुई हैं।
85 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। 165 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
45 दुकानें पूरी तरह से बर्बाद गई हैं। 55 दुकानों को आंशिक क्षति हुई है।
120 प्राइवेट वाहनों और 80 कॉमर्शियल वाहनों को नुकसान पहुंचा है।
400-500 मीट्रिक टन फलों का नुकसान पहुंचा है।
1250 हेक्टेयर में गेहूं की फसल बर्बाद हुई है।
700 हेक्टेयर सरसों और अन्य तिलहन फसलों को नुकसान पहुंचा है।
राहत कार्य
जिले में राहत कार्य जारी है, प्रशासन प्रभावित लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। मेडिकल इमरजेंसी के लिए जिले में 26 एंबुलेंस लगाई गई हैं।
सेना की मदद
सेना ने राहत कार्य में मदद के लिए अपने जवानों को तैनात किया है। सेना के जवान प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों को राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं, उनकी मदद कर रहे हैं।
वैष्णो देवी में मूसलाधार, बारिश के साथ गिरे ओले
धर्मनगरी सहित माता वैष्णो देवी भवन में सोमवार शाम को मूसलाधार बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है। मौसम खराब होने से दोपहर बाद हेलिकॉप्टर, रोपवे और बैटरी कार सेवा को रोकना पड़ा। पंजीकरण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार शाम छह बजे तक 27 हजार के करीब श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते हुए भवन की ओर प्रस्थान कर चुके थे। रविवार को 32 हजार श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए हैं।