
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
गुवाहाटी 28 मार्च 2025। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की कैबिनेट ने गुरुवार को कई अहम फैसले लिए। जहां राज्य सरकार ने चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है, जिसके बाद अब विधुर जिनकी (पत्नी का देहांत हो चुका है) या तलाकशुदा सिंगल पुरुष सरकारी कर्मचारियों को भी दो साल तक की छुट्टी लेने की अनुमति मिलेगी, बशर्ते उनके पास अधिकतम दो बच्चे हों। बता दें कि यह सुविधा 18 वर्ष तक के बच्चों या विशेष रूप से सक्षम बच्चों की देखभाल करने वाली महिलाओं और एकल पुरुषों दोनों को दी जाएगी।
कृषि क्षेत्र में भी कई अहम फैसले
इसके अलावा, असर सरकार ने धान और सरसों के लिए अतिरिक्त समर्थन मूल्य भी मंजूर किया है, जिसके बाद अब धान के लिए 250 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त मूल्य मिलेगा। साथ ही कैबिनेट ने दरंग जिले में एक नया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल स्थापित करने को भी मंजूरी दी है, जिसकी लागत 572 करोड़ रुपये होगी। इस अस्पताल में 430 बिस्तर होंगे और सालाना 100 एमबीबीएस छात्रों का प्रवेश होगा। इसके साथ ही, बीएससी नर्सिंग स्कूल और जीएनएम स्कूल भी स्थापित किए जाएंगे।
कई विभागों के नामों में बदलाव भी
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल ने ‘विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग’ का नाम बदलकर ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग’ और ‘पर्यावरण एवं वन विभाग’ का नाम बदलकर ‘पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग’ करने को मंजूरी दी है। इस विभाग को जलवायु परिवर्तन से संबंधित गतिविधियों के लिए नोडल विभाग भी घोषित किया गया है।
चाय उद्योग के लिए भी राहत
हिमंत सरकार ने चाय उद्योग के लिए एक और राहत का ऐलान किया गया। जहां कैबिनेट ने हरी पत्ती वाली चाय पर उपकर के भुगतान से दी जाने वाली कर छूट को 1 जनवरी 2025 से दो साल के लिए बढ़ाने की मंजूरी दी है। इसके साथ ही, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 15,000 रुपये तक के वेतन पर व्यावसायिक कर की छूट को मंजूरी दी गई है।
दुकानों के लाइसेंस की वैधता बढ़ाने का भी फैसला
इसके अलावा असम सरकार ने राज्य में सभी उचित मूल्य की दुकानों के लाइसेंस की वैधता को 30 जून 2026 तक बढ़ाने का फैसला भी लिया गया है। साथ ही कैबिनेट ने स्वास्थ्य ब्लॉकों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को शुरू करने और असम पंचायत (वित्तीय) नियम, 2002 में संशोधन करने को भी मंजूरी दी है। इस बदलाव से बाजारों, मत्स्य पालन और तालाबों के निपटान से जुड़े नियमों में सुधार होगा।
सीएम सरमा ने डिजिटल पत्रकारों की मान्यता पर भी उठाए सवाल
असम के सीएम हिमंत सरमा ने डिजिटल पत्रकारों की मान्यता पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने किसी पत्रकार को गिरफ्तार नहीं किया है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का सूचना और जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर) आधिकारिक तौर पर पोर्टल या यूट्यूब चैनलों पर काम करने वाले पत्रकारों को मान्यता नहीं देता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन पत्रकारों को पंजीकरण, विज्ञापन या पहचान पत्र नहीं देती, क्योंकि वे सरकार के मानकों के अनुसार पत्रकार के रूप में योग्य नहीं हैं।