छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कोलकाता 03 जून 2024। संदेशखाली की महिलाओं को फिर धमकियां मिल रही हैं। भाजपा का आरोप है कि महिलाओं को उनके पतियों की हत्या कर सफेद साड़ी पहाने की धमकियां दी जा रही हैं। इन धमकियों के खिलाफ संदेशखाली की महिलाओं ने रविवार को संदेशखाली और अन्य जगहों पर लाठी-झाड़ू लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने उनको रोकने का प्रयास किया तो धक्का-मुक्की शुरू हो गई। पुलिस को हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। चुनाव के बाद होने वाली इसी हिंसा से बचने के लिए ही विपक्षी पार्टियां चुनाव के बाद भी केंद्रीय बलों की तैनाती करने की मांग कर रही हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि चुनाव के बाद से ही संदेशखाली में लगातार महिलाओं को धमकियां दी जी रही हैं। उधर बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संदेशखाली में शांति बहाली के लिए तुरंत कदम उठना चाहिए। यह उनकी जिम्मेदारी है।
राज्यपाल ने मांगी हिंसा की रिपोर्ट
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में चुनाव बाद हिंसा पर तत्काल रिपोर्ट भी देने को कहा है। राज्यपाल ने कहा, मैं संदेशखाली की स्थिति को लेकर थोड़ा चिंतित हूं।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि ये महिलाएं (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी की अराजकता के खिलाफ सड़कों पर उतरी हैं। पुलिसि ने गांव में घुसते ही महिलाओं ने पुलिस को रोक दिया। ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस गिरफ्तारी के नाम पर निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर रही है। मालवीय ने कहा, मतदान के बाद संदेशखली के लोगों को डराने की नए सिरे से कोशिश की जा रही है। ये दृश्य बूथ नंबर-35 (सरबेरिया, संदेशखली) के हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर लोगों को धमका रही है। उन्होंने कहा कि चार जून के बाद वे सभी महिलाओं को विधवा बना देंगे। भाजपा नेतृत्व फिलहाल मौके पर है। जरा देखिए, कैसे संदेशखली की महिलाएं ममता बनर्जी की अराजकता के खिलाफ लड़ रही हैं और विद्रोह कर रही हैं।