इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 09 फरवरी 2024। मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) का फायदा उठाकर म्यांमार के अवैध आप्रवासी और उपद्रवी बड़ी संख्या इंफाल घाटी में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निगरानी-रहित हिस्सों से घुस रहे थे। नशीले पदार्थों, हथियारों और सोने की तस्करी में जुटे थे। गैरकानूनी कामों और जनजातीय हिंसा में भी शामिल रहे। भारतीय सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बचने के लिए वे एफएमआर का ही फायदा उठाकर सीमा पार करके भाग जाते थे। पिछले साल जुलाई में मणिपुर सरकार ने दावा किया था कि यहां अवैध ढंग से घुसे 700 लोग रह रहे हैं। एक फरवरी, 2021 को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद भी हजारों विद्रोहियों ने घुसपैठ की थी। सरकार का अनुमान है कि मिजोरम के भी विभिन्न हिस्सों में हजारों शरणार्थी रह रहे हैं। मणिपुर सीएम बीरेन सिंह ने बताया था कि तब उनके राज्य में भी घुसपैठ की कोशिश हुई थी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की तैनाती ने उन्हें रोक दिया था।
मणिपुर हिंसा में 200 से अधिक की गई जान
मणिपुर में लगातार जनजातीय हिंसा होती रही है। यहां 53 प्रतिशत आबादी मैतेई समुदाय की है, जिनमें ज्यादातर इंफाल घाटी में रहती है। 40 प्रतिशत नगा और कुकी हैं, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं। बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग के खिलाफ 3 मई, 2023 को पहाड़ी जिलों में रैली के बाद जनजातीय हिंसा शुरू हुई। इनमें 200 लोग मारे गए।
सीएम ने कहा- ऐतिहासिक निर्णय
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि सीमा की बाड़बंदी के बाद आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी। यह ऐतिहासिक निर्णय है। इंफाल घाटी में मौजूद संगठनों ने फैसले की सराहना की।
भारतीय रखाइन के अशांत क्षेत्र में न जाएं: भारत
भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि म्यांमार के रखाइन राज्य में सुरक्षा स्थिति चिंताजनक है। भारत ने मंगलवार को अपने सभी नागरिकों को रखाइन राज्य के अशांत क्षेत्रों को तुरंत छोड़ने के लिए कहा था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, रखाइन राज्य में सुरक्षा स्थिति चिंताजनक है। हमने अपने नागरिकों को रखाइन छोड़ने के लिए एक सलाह जारी की है और यात्रा करने की योजना बना रहे लोगों से वहां न जाने के लिए कहा है। जयसवाल ने कहा कि उन्हें रखाइन में रहने वाले भारतीयों की सही संख्या की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, सितवे में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर इसका असर पड़ सकता है। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
अमेरिका में भारतीय छात्रों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण, इसमें साजिश जैसा कुछ नहीं
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका में पांच भारतीय छात्रों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रवक्ता, रणधीर जयसवाल ने कहा कि इन मौतों के पीछे कोई परस्पर संबंध या साजिश जैसा कुछ नहीं है।