छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
पटना 29 मई 2023। नए संसद भवन के उद्घाटन और ताबूत विवाद के बीच विपक्षी एकता की महाबैठक के तारीख का भी एलान हो गया है। यह बैठक अगले माह यानी जून की 12 तारीख को होगी। इसमें देश भर के विपक्ष के कई कद्दावर नेता जुटेंगे। राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन और वामदल के वरीय नेता समेत करीब 15 दिग्गज नेताओं के आने की संभावना है। इसके लिए इन दिग्गजों को आमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है। सूत्रों की मानें तो यह महाबैठकएक अणे मार्ग में हो सकती है।
सीएम फिर बोले- यह लोग काम नहीं प्रचार कर रहे हैं
इधर, सीएम नीतीश कुमार ने जदयू नेताओं से अपील करते हुए कहा कि देश के हर चीज पर कुछ लोग कब्जा करना चाह रहे हैं। हमलोग विपक्षी एकता के कामें भ्ाजपा को आगे बढ़ा रहे हैं। जल्द ही इसका सार्थक परिणाम निकलेगा। कुछ लोग देश का इतिहास बदलना चाहते हैं। लेकिन, जनता ऐसा होने नहीं देगी। जनता जान चुकी है, यह लोग काम नहीं प्रचार कर रहे। वहीं जदयू के उमेश कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने नेतृत्व में भाजपा मुक्त भारत का शंखनाद हो चुका है। हमारा मिशन है बिहार में 40 के 40 सीटों को भाजपा मुक्त कर देना।
भाजपा ने कहा- भ्रष्ट्रचारियों की जमात एक साथ मिल रही
इधर, महाबैठक पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि यह विपक्षी एकता नहीं है। भ्रष्ट्राचारियों की एकता है। भ्रष्ट्रचारियों की जमात एक साथ मिल रही है। वह गलबहियां करेंगे और देश को तोड़ने के एजेंडे पर काम करेंगे। रविवार को राजद ने जिस तरह से ताबूत की तुलना नए संसद भवन से की और जदयू-कांग्रेस के नेता सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने लगे, उससे साफ हो गया कि यह लोग देश विरोध काम कर रहे हैं। लोकतंत्र के मंदिर को लेकर उनके क्या विचार हैं इसे जनता समझ गए। 2024 के लोकसभा में जनता इन्हें करारा जवाब देगी।