छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 26 दिसंबर 2023। अंग्रेजों के जमाने के बने तीन कानून अब खत्म हो चुके हैं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने तीनों नए क्रिमिनल लॉ बिल को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में संसद में पारित तीन आपराधिक विधेयकों जिनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल को अपनी स्वीकृति दे दी है। राष्ट्रपति की सहमति के बाद संसद की ओर से पारित ये विधेयक अब कानून का रूप ले लिया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट कर लिखा कि ‘भारत की राष्ट्रपति महोदया द्वारा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य संहिता को मंजूरी प्रदान की गई है। इससे भारत में न्याय का एक नया अध्याय प्रारंभ होगा।
भारत की महामहिम राष्ट्रपति महोदया द्वारा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य संहिता को मंजूरी प्रदान की गई है। इससे भारत में न्याय का एक नया अध्याय प्रारंभ होगा।
क्या है इन तीन आपराधिक विधेयकों का उद्देश्य
बता दें कि इन तीन आपराधिक विधेयकों का उद्देश्य अनिवार्य रूप से औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को पुनर्जीवित करना है, जिसमें आतंकवाद, लिंचिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के लिए दंड बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पिछले गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च सदन में एक बहस का जवाब देते हुए कहा था कि भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को निरस्त करने और प्रतिस्थापित करने वाले विधेयक आपराधिक न्याय प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत करेंगे।
क्या है इस नए कानून में
- मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा का प्रावधान
- हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा
- अस्पताल पहुंचाने पर सजा कम हो सकती है
- राजद्रोह खत्म,अब देशद्रोह कानून होगा, देशद्रोह में 7 साल से आजीवन जेल तक की सजा होगी
- ई-एफआईआर पर दो दिन के अंदर जवाब देना होगा