छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
वॉशिंगटन 14 दिसंबर 2023। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने कहा है कि उनका अपनी हिंदू आस्थाओं में गहरा विश्वास है और वह शायद ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं। विवेक रामास्वामी बुधवार को आयोवा प्रांत में सीएनएन के टाउन हॉल कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान रामास्वामी ने धर्म, अमेरिका में आ रहे प्रवासियों, सीमा सुरक्षा, आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर सवालों के जवाब दिए।
क्या बोले रामास्वामी
आयोवा प्रांत में रिपब्लिकन पार्टी का तगड़ा जनाधार है और इनमें अधिकतर बाइबल में गहरा विश्वास रखने वाले ईसाई समुदाय के मतदाता हैं। कार्यक्रम के दौरान एक दर्शक ने रामास्वामी से सवाल किया कि उनका ताल्लुक ईसाई धर्म से नहीं हैं, इसलिए वह हमारे राष्ट्रपति नहीं हो सकते क्योंकि हमारे पूर्वजों ने ईसाई धर्म के आधार पर इस देश को बनाया। इसके जवाब में रामास्वामी ने कहा कि वह इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। रामास्वामी ने कहा कि ‘उनके हिंदू धर्म के कुछ सिद्धांत यहूदी-ईसाई मूल्यों जैसे हैं’। हालांकि उन्होंने कहा कि ‘वह शायद ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं।’
रामास्वामी ने बताया क्या होगी उनकी प्राथमिकता
रामास्वामी ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि आस्था, देशभक्ति, परिवार और कड़ी मेहनत को इस देश में फिर से फोकस में लेकर आऊं क्योंकि ये चीजें बहुत अच्छी हैं और इन पर फोकस करना ही उनके बतौर राष्ट्रपति कार्यकाल की प्राथमिकता होगी’। उन्होंने कहा कि वह संविधान के पहले संशोधन, जिसमें धर्म की स्वतंत्रता का जिक्र है, उसे बरकरार रखने के लिए समर्पित होंगे। बता दें कि 15 जनवरी से रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों की नामांकन प्रक्रिया आयोवा प्रांत से ही शुरू होगी। रामास्वामी ने टाउन हॉल कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनका अपनी हिंदू आस्थाओं में गहरा विश्वास है और ये भी बताया कि कैसे उनके पालन पोषण के दौरान उनका ईसाई धर्म से जुड़ाव बना रहा।