छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 11 अक्टूबर 2023। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हजारों मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए, लेकिन सभी की सुनवाई करके सुप्रीम कोर्ट को निष्क्रिय नहीं कर सकते। सीजेआई ने केरल में बांध कर रखे गए हाथियों की मौत संबंधी हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को यह टिप्पणी की।
सीजेआई ने शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित मामलों में हस्तक्षेप याचिका दायर करने पर नाराजगी व्यक्त की और देश में शीर्ष अदालत की भूमिका को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। पीठ ने कहा, ये स्थानीय मामले हैं, जिनकी सुनवाई उच्च न्यायालयों में होनी चाहिए। यदि हाईकोर्ट कोई गंभीर भूल करता है, तो उन्हें सुधारने के लिए हम यहां बैठे हैं, लेकिन हम इस तरह देश कैसे चलाएंगे?
हाईकोर्ट में भी अनुभवी न्यायाधीश
इस मामले का उल्लेख करने वाले वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने आरोप लगाया कि बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन हुआ है। सीजेआई ने पूछा कि हस्तक्षेपकर्ता इस मुद्दे को केरल हाईकोर्ट के समक्ष क्यों नहीं उठा सकता? सिंह ने जवाब दिया कि इस मुद्दे से संबंधित एक बड़ा मामला शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है। उन्होंने यह भी कहा कि 2018 से 2022 तक केरल में बांध कर रखे गए 135 हाथियों की मौत हो गई। सीजेआई ने दोहराया कि हाईकोर्ट के समक्ष सवाल क्यों नहीं उठाए जा सकते, वहां भी अनुभवी न्यायाधीश हैं।
मुख्य मामले के साथ सुनवाई को तैयार
सीजेआई ने कहा, अब हम सुप्रीम कोर्ट को निष्क्रिय बनाने के लिए यहां हर चीज पर विचार नहीं कर सकते। न्यायालय अंततः हाथियों के मुद्दे से संबंधित मुख्य मामले की सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता को सुनने के लिए सहमत हो गया। पीठ ने कहा, हमारा विचार है कि ऐसे हस्तक्षेप आवेदन पर विचार करना संभव नहीं होगा। रिट याचिका सूचीबद्ध होने पर हस्तक्षेपकर्ता को महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुना जा सकता है। मुख्य मामले को दिसंबर के पहले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध किया गया है।