कांकेर में उफान पर कोटरी नदी: जान जोखिम में डालकर पार कर रहे लोग, ब्लॉक मुख्यालय से टूटा गांवों का संपर्क

Chhattisgarh Reporter
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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

कांकेर 15 सितम्बर 2023। कांकेर जिले के बेचाघाट में कोटरी नदी उफान पर है। लगातार सात दिनों से हो रही अनवरत बारिश से कोटरी नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। उफनते कोटरी नदी को ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर नाव के सहारे पार करने का वीडियो भी समाने आया है। नदी का जल स्तर बढ़ने से लगभग एक दर्जन गांवों का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय से कट गया है। जिले के परलकोट क्षेत्र में पखांजूर से लगभग 30 किलोमीटर दूर सीतरम, बेचाघाट, राजामुंडा, बिनागुण्डा, मेसपी, केंगल, मेसपी जैसे दर्जनों गांव कोटरी नदी के उस पार बसें है। 

ग्रामीणों ने बताया कि गर्मियों के चार से पांच महीनों में कोटरी नदी में जल स्तर कम रहता है। लेकिन बारिश के शुरू से लेकर ठंड के आठ महीनों तक इन ग्रामीणों को रोजमर्रा के सामान, स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं एवं शासकीय योजनाओं से संबंधित कामकाज के लिए उफनती हुई कोटरी नदी में जान जोखिम में डाल कर नाव से नदी को पार कर छोटेबेठिया बाजार और पखांजूर स्थित शासकीय कार्यालय में आना पड़ता हैं। 

कोटरी नदी के किनारे बसे बेचाघाट के साथ-साथ आसपास के गांवों के लिए बारिश का मौसम आफत लेकर आता है। कोटरी नदी में पुल नहीं होने से लोगों को नाव की मदद लेनी पड़ती है। गैर प्रशिक्षित नाविक लोगों की जान संकट में डालकर नदी पार कराते हैं। इसके एवज में लोगों को रोजाना नाविक को पारिश्रमिक भी देना पड़ता है।

कबीरधाम में मूसलाधार बारिश: कलेक्टर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के स्कूलों में अवकाश घोषित करने के दिए निर्देश

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में बीते दो दिन से बारिश का दौर जारी है। स्थिति ऐसी है कि नदी किनारे बसे गांव में बाढ़ के हालात हैं। वहीं कबीरधाम जिला मुख्यालय कवर्धा नगर पालिका के विभिन्न वार्ड में पानी भर गया है। कवर्धा की जीवनदायिनी नदी सकरी रौद्र रूप ले ली है। नदी किनारे बसे कई वार्डों में पानी घुस गया है। इस मानसून पूरे जिले में अब तक 811.5 मिमी बारिश हो चुकी है।  

कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने कबीरधाम जिले में बीती रात हुई मूसलाधार बारिश की वजह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति सामान्य होते तक जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूलों में अवकाश घोषित करने के निर्देश दिए है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर के निर्देश पर सभी संस्था प्रमुख को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि किसी विद्यालय में बारिश के कारण पानी भर जाने के कारण बच्चों को बैठाने में या स्कूल आने में समस्या आ रही हो अथवा नदी नालों में पानी होने के कारण स्कूल के आवागमन में समस्या हो तो पानी के निकास होने तक विद्यालय में अवकाश घोषित किया जाए। किसी भी स्थिति में बच्चों को संकट में न डालें। इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित हो। 

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