छत्तीसगढ़ रिपोर्टर / मो.साजिद खान
एमसीबी/कोरिया ( सरगुजा) —-छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा की चुनावी राजनीतिक सरगर्मी बढती जा रही है। बीते दिनो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर छत्तीसगढ़ की 90 सीटों के लिए कांग्रेस संगठन के भीतर प्राथमिक सदस्यता वाले दावेदारों को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में हिस्सा लेने का अवसर दिया गया। जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नियमानुसार दावेदारों ने विधानसभा अंतर्गत ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षों के पास फार्म जमा कर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। एमसीबी और कोरिया जिले की विधानसभाओं में दावेदारों की भीड में कौन प्रभावी पारंगत महारथ कांग्रेसी विधायक प्रत्याशी बनने की बाजी मारेगा अथवा हरियाली से ओत-प्रोत बौद्धिक रचना पूर्व से रचित है या कहें कि टिकटों को लेकर कांग्रेस के अंदर इस बार अवाक “खेला होबे”। सब गौर करने और समझने वाले विषय वस्तु होंगे।
सीढी भी दावेदार और सीढी से ऊपर चढने वाला भी दावेदार !—
इन दावेदारों में वर्तमान जनप्रतिनिधियों के साथ पूर्व जनप्रतिनिधी और संगठन के रूतबेदार पदाधिकारी भी शामिल हैं। राजनैतिक मयार के इन दावेदारों में कई गुरू-चेला भी शामिल हैं। कोई किसी का वर्षों पुराना सानिध्य पाया हुआ राजनीतिक चेला है तो कोई नया सानिध्य पाया हुआ है। और तो और कहीं चेले गुड़ होकर शक्कर की मिठास को कम कर गए हैं। जिसको जिससे राजनीतिक सानिध्य की नई सीढी मिली पीछे पलटकर पुरानी सीढी में नही चढ़ा। यहां ऐसी कई पुरानी कद्दावर सीढियां भी इसमें दावेदार हैं। तथाकथित रूप से उडनखटोले से आए पुकारे जाने वाले जनप्रतिनिधि भी दावेदार हैं तो एकाध इकलौते भटकने वाले जनप्रतिनिधि भी दावेदार हैं। बड़ी हस्तियों से लिंकेज पाए भी कुछ दावेदार हैं। इसमें राजघराने भी दावेदार हैं तो राजघराने से ताल्लुक रखने वाले और कुछ कम ताल्लुक रखने वाले भी दावेदार हैं। कुछ कालेज और यूनिवर्सिटी की नौजवानी से घीसते-घीसते आज संगठन में कद्दावर हो चुकने वाले भी दावेदार हैं। कई गृहणियां भी राजनीतिक सानिध्य प्राप्त कर दावेदार हैं तो वर्तमान दमदार महिला जनप्रतिनिधि भी दावेदार हैं। सरगुजा संभाग के साथ छत्तीसगढ़ के चार और संभाग की विधानसभाओं के दावेदारों के लिए प्रस्तुत यह लाजिक सटीक बैठ सकता है। बहरहाल दावेदारी में सबका भरोसा आलाकमान पर जाकर टिकता है जो सुनने को मिलता है।
उधेडबुन हुआ बंद लिफाफा जब खुलेगा तब कमाल होगा ! —-
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की बैठक में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी से प्राप्त सभी नामों पर विधानसभावार विचार किया जाएगा। किसी भी नाम को विलोपित नही किया जाएगा। बैठक पंजी में उपस्थित सभी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। फिर जिला कांग्रेस कमेटी प्राथमिकता क्रम में ” तीन नामों ” का पैनल बनाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रेषित करेगी। साथ ही सभी आवेदकों के नाम भी प्रदेश को भेजना होगा। पारित प्रस्ताव को जिला कांग्रेस अध्यक्ष अपने अभिमत के साथ सील बंद लिफाफे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 31 अगस्त 2023 तक जमा करेंगे। इसमें सबसे अहम बात यह है कि जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारिणी की बैठक में जब दावेदारों के नामों पर चर्चा प्रारंभ होगी उस समय कोई दावेदार बैठक में उपस्थित नही रह सकेंगे।
यहां नेतागिरी में हर किसी की अपनी-अपनी पकड़ जमीनी पकड़ से ऊपर ! —
इस दिशा में कोई संगठन में मकाम हासिल कर प्रदेश की राजधानी से लेकर देश की राजधानी तक संगठन की बड़ी हस्तियों से संपर्क साधने में लगा है तो कईयों की सामाजिक से लेकर राजनीतिक पहुंच सीधे मुखिया तक है। जिसमें फेरबदल के बाद कईयों की पहुंच त्रिकोण से चतुर्भुज तक बताई जाती है। सुनने में आता है कि कुछ की नेटवर्किंग पहुंच तो पुराने समय से मुहब्बत की दुकान चलाने वाले तक भी है।
फिलहाल सामने चुनाव है और कांग्रेसी संगठन सरकारी योजनाओं को लेकर आमजनता के बीच है एवं आमजनता की टकटकी इन किरदारों को अपनी आंखों और मस्तिष्क के घेरे में लिए हुए है क्योंकि अब समय आमजनता का है।