छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
इस्लामाबाद 26 अगस्त 2023। पाकिस्तान में सिखों-हिंदुओं और अन्य अलपसंख्यक समुदायों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पाकिस्तान में जरनवाला चर्च जलाने की घटनाओं के बाद अब रावलपिंडी में सिखों को धमकाया जा रहा है। पाकिस्तान में सिख समुदाय को मिल रही हालिया धमकियों के मद्देनजर इस अल्पसंख्यक समूह की दुर्दशा एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। रावलपिंडी के गुरुघरों में रहने वाले सिखों वहां के कट्टरपंथियों की ओर से मुसलमान बनने के लिए पत्र भेजे जा रहे हैं। इन पत्रों की सिखों के पांचवें तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कड़े शब्दों में निंदा की है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि 30-35 साल पहले अफगानिस्तान, काबुल और कंधार में डेढ़ लाख सिख रहते थे। लेकिन वहां का माहौल इतना ज्यादा बिगड़ गया और सिखों की टारगेट किलिंग की गई जिसके बाद सिख परिवारों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया और वहां करीब पांच या छह परिवार ही बचे हैं।ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि पेशावर से आकर पंजाब में बसने वाले सिखों को हाल ही में धमकी भरे पत्र मिले हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिखों से कहा गया है कि या तो वे मुस्लिम बन जाएं या पाकिस्तान छोड़ दें। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को सिखों की जान-माल की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि इससे बुजुर्गों, कारोबारियों और बच्चों में दहशत का माहौल है। धमकी भरे पत्रों के माध्यम से सिखों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से इन शरारती तत्वों को गिरफ्तार करने की अपील करते हुए कहा कि इस तरह के पत्रों से दुनियाभर के सिखों में रोष है। पाकिस्तान में चल रहा धमकी भरे पत्र भेजने का यह चलन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे पाकिस्तान सरकार को बंद करवाना चाहिए।पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि दुख की बात है कि पाकिस्तान के सिख लगातार डर के साये में रह रहे हैं, उन्हें बार-बार उत्पीड़न और निशाना बनाया जा रहा है।