छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 13 जुलाई 2023। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए ‘मिशन तत्परता समीक्षा’ पूरी कर ली है। वहीं चंद्रयान-3 के लिए काउंट डाउन गुरुवार दोपहर को शुरू होगा। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग शुक्रवार दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी। वहीं चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले इसरो के वैज्ञानिक भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए तिरूपति वेंकटचलापति मंदिर पहुंचे। वैज्ञानिक अपने साथ चंद्रयान-3 का मिनिएचर मॉडल भी अपने साथ ले गए। मंदिर पहुंचे वैज्ञानिक दल में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के एक अधिकारी ने भी उनके मंदिर पहुंचने की पुष्टि की है। टीटीडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जी हां, इसरो का दल तिरुमला आया लेकिन हमारी जनसंपर्क शाखा ने उनके दौरे को ‘कवर’ नहीं किया।” उन्होंने बताया कि मंदिर के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के दौरे में व्यस्त थे। अधिकारी ने बताया कि इसरो के अधिकारी आम तौर पर मंदिर में अपने दौरे को जनता की नजरों से दूर ही रखते हैं।
वैज्ञानिकों ने पूजा-अर्चना की
आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर में इसरो वैज्ञानिकों ने पूजा-अर्चना की। बाद में उन्होंने छोटे मॉडल को दिखाते हुए कहा कि यह चंद्रयान-3 है। इसे कल लॉन्च किया जाएगा। बता दें, इसरो ने हाल ही में घोषणा की थी कि इसरो चंद्रयान के तीसरे मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 14 जुलाई को दोपहर बाद 2:35 बजे लॉन्च करेगा।
इसरो प्रमुख भी पहुंचे मंदिर
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ भी पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचे। उन्होंने चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण पर कहा कि भारत कल दोपहर 2:35 बजे अपना तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रार्थना करता हूं कि सब कुछ ठीक हो जाए और यह 23 अगस्त के बाद किसी भी दिन चंद्रमा पर उतर जाए।
मंगलवार को किया था पूर्वाभ्यास
इससे पहले मंगलवार को इसरो ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतारने का पूर्वाभ्यास किया था। इसरो की ओर से एक ट्वीट में बताया गया था कि लॉन्च की पूरी तैयारी और प्रक्रिया का डमी रूप में 24 घंटे का पूर्वाभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग 14 जुलाई को करेगा। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। इससे पहले इसरो ने दो मिशनों- चंद्रयान -1 और चंद्रयान-2 को लांच किया था, लेकिन ये दोनों सतह पर लैंड नहीं हो सके थे।
चंद्रयान-3 है क्या?
इसरो के अधिकारियों के मुताबिक, चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं। एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है। जिन वजहों से चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह नहीं उतर पाया था, उन पर फोकस किया गया है।
मिशन 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा केन्द्र से उड़ान भरेगा और अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा। इससे पहले बुधवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में चंद्रयान-3 युक्त एनकैप्सुलेटेड असेंबली को एलवीएम3 के साथ जोड़ा गया। यह मिशन भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगा।