
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
महेंद्रगढ़ (हरियाणा) 27 मई 2023। हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव सीहमा को उपतहसील का दर्जा देने की घोषणा के बाद गांव दौंगड़ा अहीर के लोगों ने मुख्यमंत्री के विरोध में नारेबाजी की। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री ने स्वयं मोर्चा संभाला। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों की ओर से उन्हें नहीं बताया गया कि इससे पूर्व गांव दौंगड़ा अहीर को उपतहसील का दर्जा देने की घोषणा हो चुकी है। जून में अधिकारियों के साथ बैठक कर उपतहसील के लिए दोनों ही गांवों में संभावना तलाशी जाएंगी। तय मापदंडों के निरीक्षण के बाद तय किया जाएगा कि उपतहसील कहां बनाई जाए। इससे पूर्व गांव की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल की भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कराई गई। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि इन दोनों गांवों में फिजिबिलिटी तय की जाएगी। मानक पूरे होने पर निर्णय लिया जाएगा।
इससे पूर्व दौंगड़ा अहीर को उपतहसील का दर्जा नहीं मिलने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे। ग्रामीणों का कहना था कि वर्ष 2020 में उन्होंने स्वयं गांव दौंगड़ा अहीर को उपतहसील का दर्जा देने की घोषणा रैली के माध्यम से की थी। बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान गांव सीहमा में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा सीहमा को उपतहसील बनाने की घोषणा कर दी गई थी। जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तो सीएम रात्रि ठहराव के लिए गांव दौंगड़ा अहीर पहुंचे, लेकिन इससे पूर्व ही दौंगड़ा अहीर गांव में मुख्यमंत्री द्वारा सीहमा को उपतहसील का दर्जा देने की घोषणा की सूचना पहुंच चुकी थी।

ग्रामीणों ने वीरवार रात को ही नारेबाजी कर दी। इसके बाद शुक्रवार सुबह ग्रामीणों की भारी भीड़ कार्यकर्ता के जिस घर में मुख्यमंत्री ठहरे थे, उसके बाहर जमा हो गई। अधिकारियों के निवेदन पर गांव के प्रतिनिधिमंडल को सीएम से मुलाकात करने के लिए ले जाया गया तो सीएम ने स्वयं मिलने से इन्कार कर दिया। इसके बाद ग्रामीण भड़क गए। उधर, अटेली विधायक सीताराम भी इसी दौरान गांव में पहुंच गए। ग्रामीणों ने विधायक का घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस सुरक्षा में विधायक को सीएम के ठहराव स्थल तक ले जाया गया। वहीं जब पूर्व शिक्षामंत्री सीएम के पास पहुंचे तो गाड़ी से उतरते ही ग्रामीणों द्वारा नारेबाजी शुरू कर दी गई।
मुख्यमंत्री के विरोध को देखते हुए गांव को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया। मौके पर डीजी सीआईडी आलोक कुमार, एसपी विक्रांत भूषण व अन्य अधिकारी दलबल के साथ पहुंच गए। इस दौरान भारी पुलिस बल की तैनाती भी मुख्यमंत्री के ठहराव वाले मकान के बाहर कर दी गई थी।
सुरक्षा के आधार पर कार्यकर्ता के घर का हुआ चयन
दौंगड़ा अहीर में मुख्यमंत्री के रात्रि ठहराव को लेकर सीएम सिक्योरिटी के समक्ष ग्रामीणों की ओर से सात ऑप्शन रखे गए थे। इनमें वीरवार रात मुख्यमंत्री जिस घर में रुके थे, वो पुराने कार्यकर्ता का घर है। सुरक्षा की दृष्टिगत सीएम सिक्योरिटी की ओर से इसका चयन किया गया था।