छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
सुकमा 09 मई 2023। छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार को हुई मुठभेड़ को नक्सलियों ने झूठा करार दिया है। उन्होंने कहा कि जहां पुलिस ने मुठभेड़ की बात की वहां कोई दलम (नक्सली ग्रुप) नहीं था। जवानों ने घर से उठाकर हत्या की है। हालांकि मारे गए दोनों लोगों को नक्सलियों ने अपने संगठन का सदस्य बताया है, लेकिन यह भी कहा है कि वे एक महीने पहले चले गए थे और गांव में सामान्य जीवन जी रहे थे। इसे लेकर नक्सलियों की दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी ने एक प्रेस नोट भी जारी किया है।
नक्सल कमेटी की सचिव गंगा की ओर से जारी किए गए इस प्रेस नोट में कहा गया है कि, नक्सलियों ने मानवाधिकार संगठनों से घटनास्थल का दौरा करने की भी मांग की है। कहा है कि मारे गए दोनों मड़कम एर्रा और पोडियम भीमे उनके सदस्य थे। मड़कम गोलापल्ली में एलओएस कमांडर था और भीमे सदस्य थी। हालांकि राजनीतिक कमजोरी के चलते दोनों संगठन से अलग होकर गांव में रह रहे थे। इससे पता चलता है कि बस्तर में हर कोई साधारण जिंदगी नहीं जी सकता।
डीआरजी जवानों ने मुठभेड़ में ढेर करने का किया था दावा
दरअसल, सुकमा के भेज्जी इलाके में सोमवार सुबह करीब 6 बजे पुलिस ने मुठभेड़ का दावा किया था। इसमें बताया गया था कि डीआरजी जवानों के साथ हुई मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए। इनमें आठ लाख का इनामी गोलापल्ली एलओएस कमांडर मुडकम एर्रा और एलओएस सदस्य भीमे शामिल हैं। जवानों ने मौके से 303, भरमान बंदूक और विस्फोटक मिलने की भी बात कही थी। एसपी सुनील शर्मा खुद पूरे अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। इस मुठभेड़ में चार-पांच नक्सलियों के घायल होने का भी दावा किया गया था।