
एमसीबी (सरगुजा) – शब्दों को मुंह से निकालने के एक तरिके का नाम लहजा है। सामाजिक बोलचाल की भाषा हो या राजनीतिक रूप में विरोधात्मक बोलचाल की भाषा हो , बोलचाल की भाषा से व्यक्तित्व का बोध होता है। 

शहर से गुजरने वाली नेशनल हाइवे 43 के हसिया पुल के डिवाइडर में कांग्रेसियों द्वारा मनेन्द्रगढ़ विधायक के नाम वाले नारे का लेखन लिखने से विधानसभा क्षेत्र के लोगों पर कितना आकर्षक प्रभाव पडेगा या नही पडेगा। यह तो आगामी चुनौती वाला वक्त ही तय करेगा। लेकिन मनेन्द्रगढ़ विधायक के नाम और स्लोगन वाले विज्ञापन को पुल के डिवाइडर पर लिखावट को बंद करने को लेकर बुधवार को भाजपाइयों द्वारा विरोध करने पर तथा कांग्रेसियों के द्वारा इसी विरोध के स्वर को रोकने के कारण भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हुए नोक-झोंक का विवाद अभद्र भाषा में तब्दील हो गया। इस बवाल को एडिशनल एसपी , एसडीओपी और मनेन्द्रगढ़ कोतवाली टीआई के द्वारा पुलिस बल के साथ संभालकर रोक दिया गया।
भाजपा कांग्रेस के बीच जमकर हुए इस नोंक-झोंक के विवाद को मनेन्द्रगढ़ के सरल निवेदक एसडीएम की कानूनी समझाइस के बाद पटाक्षेप करवाया गया। एसडीएम मनेन्द्रगढ़ ने दोनो पक्षों को समझाते हुए कहा कि आपको तहसीलदार साहब के द्वारा कानून दिखाया जा चुका है। आप फोर्स मत कीजिए। विरोध करने की जरूरत नही है। एनएच में कहीं पर भी इस तरह का एडवरटीजमेंट नही दिखेगा। यहां जब सफेद काला की पटटी है जिससे रात में दिखता है। निवेदन है कि अनावश्यक रूप से वहां पर मत लिखिए , दूसरी जगह पर लिख लिजिए। मै नही चाहता हूं कि यहां कोई विवाद बने। यह ट्रैफिक का एरिया है यहां एक्सीडेंट होने का चांसेज बना रहता है। किसी को भी इसको कोर्ट ले जाने का विषय न बनाए। आप लोग अन्य जगह पर लिख लिजिए। हाइवे का उल्लंघन मत करिए अभी पेंटिंग को बंद कर दीजिए।
नेशनल हाइवे 43 डिवाइजर पर हुए पेंटिंग को लेकर कांग्रेस और भाजपा पदाधिकारियों के बीच अभद्र लहजे में जमकर हुए नोक-झोंक के विडियो कई कैमरे में कैद होते चले गए और सोशल मीडिया में वायरल होते चले गए। भाजपा – कांग्रेस के भद्र पदाधिकारियों के विवाद में अभद्र डायलाग भी विडियो में सुनाई देते रहे। उसी समय इस विवाद के बीच नई बात निकाल कर सामने लाई गई कि नेशनल हाइवे में खेडिया टाकिज के सामने स्थापित पंडित दीनदयाल की मूर्ति कहीं और अन्यत्र जगह स्थापित की जाए। इसके लिए कांग्रेसियों द्वारा विवाद के दूसरे दिन कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। प्रशासन को ज्ञापन सौंपने में विवाद के पल दिखे।

ब्लाक कांग्रेस कमेटी मनेन्द्रगढ़ के
ज्ञापन में उल्लेख किया कि खेडिया टाकिज के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा रोड के बीचो-बीच लगी हुई , जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार राष्ट्रीय राजमार्ग में कहीं चौंक चौराहों पर मूर्ति या प्रतिमा लगाना वर्जित है। उपरोक्त चौक पर प्रतिमा की वजह से कई दुर्घटना घट चुकी हैं। जिससे जान माल का काफी नुकसान हुआ है और आगे भी दुर्घटना की संभावना लगातार बनी हुई है। ज्ञापन में अनुरोध किया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग चौक से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा अन्यत्र जगह में व्यवस्थापित करने का कष्ट करें। व्यवस्थापित न करने की स्थिति में कांग्रेस पार्टी द्वारा 5 दिवस के भीतर धरना प्रदर्शन किया जाएगा , जिसकी समस्त जवाबदेही प्रशासन की होगी। 

अब भाजपा – कांग्रेस के बीच हुई जमकर नोंकझोंक के सोशल मीडिया मे तैर रहे विडियो के विषय में नपा उपाध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि मै आपको स्पष्ट बता दूं कि कल की जो घटना हुई वह पूरा सार्वजनिक था। कहीं पर कोई इस टाइप की बात नही थी। जो विडियो वायरल किया गया है। वह मुझे बदनाम करने के लिए किया गया है। आगे वाले ने जो शब्द कहा था जो भी विडियो वायरल कर रहा है उसमें उनके शब्द को दिखाया ही नही है। मैने कोई अपशब्द नही कहा। मैने यह कहा कि कानून आपको हाथ में लेने का अधिकार नही है और कांग्रेस के द्वारा नेशनल हाइवे की वाल पर कराई जा रही पेंटिंग से आपको तकलीफ है तो संबंधित विभाग के अधिकारियों से कम्पलेन कीजिए। ना कि आप हमारे पेंटर को रोक करके उसके साथ हाथापाई करोगे तो ये कतई बरदास्त नही किया जाएगा। 

नेशनल हाइवे 43 पुल पर हुए विवाद के बाद भाजपा मंडल ने मनेन्द्रगढ़ गांधी चौक में मंच लगा कर मंच के बगल में प्रोजेक्टर लगाकर कांग्रेसी द्वारा कहे गए अभद्र भाषा के विडियो को भी आमजनो को दिखाया और सुनाया। आमजन को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को प्रेम व सदभावना और भाईचारा के रूप में जाना जाता है। यहां की जनता एक दूसरे से प्यार करती है। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब भाई-भाई हैं। हमारी राजनीतिक विचार धाराएं अलग हो सकती हैं मगर हम मिलते हैं प्यार से बातें करते हैं। अगर ये अहंकार नही होता तो कि इन्होने जो भाजपा के भाइयो बहनो को अपमानित किया है ये क्षमा मांग लेते तो ये नौबत नही आती है। मगर इनके अहंकार प्रतिफल देखिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जो अंत्योदय के रचयिता हैं प्रणेता हैं। जिनके नाम पर हिंदुस्तान में हजारों योजनाएं चलती हैं। गरीबों के घरों में जो अन्न पहुंचता है ऐसे प्रेरणादाता का एक मूर्ति लगा हुआ है। कानून को धता बताते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग के पुल पर जो वाल राइटिंग की गई विपक्ष उसका विरोध करेगा। उसका लोकतांत्रिक अधिकार है।
आगामी विधानसभा चुनाव अब करीब है। सब बंद कर देंगे तो हम भी बंद कर देंगे , अवैध शराब को लेकर बात यहीं से शुरू होकर क्लब बार होते हुए शराबी महापौर तक पहुंची थी और अब नेशनल हाइवे के डिवाइडर में कराई गई पेंटिंग से आगे बढकर बात नेशनल हाइवे ही के बीच में लगी मूर्ति को हटवाने तक पहुंच चुकी है। आगे-आगे देखते जाइए कि बात किन-किन मुद्दों तक पहुंचती है लेकिन इसी बीच राजनीतिक ओज वाले लहजे और लब्जों में पकड़ भी जरूरी है।