छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
चेन्नई 26 दिसंबर 2022। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके भाषणों ने देश की राजनीति में खलबली मचा दी है। देश के पहले प्रधानमंत्री दिवंगत जवाहरलाल नेहरू की प्रशंसा करते हुए स्टालिन ने कहा कि देश को धर्मनिरपेक्षता और समानता जैसे मूल्यों को बनाए रखने के लिए उनके और महात्मा गांधी जैसे नेताओं की जरूरत है।
नेहरू पर लिखी गई पुस्तक ‘ममानीथर नेहरू’ का किया विमोचन
डीएमके अध्यक्ष चेन्नई में तमिलनाडु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए गोपन्ना द्वारा नेहरू पर लिखी गई पुस्तक ‘ममानीथर नेहरू’ का विमोचन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। स्टालिन ने कहा कि नेहरू सच्चे लोकतंत्रवादी और संसदीय लोकतंत्र के प्रतीक थे। इसीलिए सभी लोकतांत्रिक ताकतें उनकी जय-जयकार करती हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज भले ही महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं होने दी जा रही है, लेकिन नेहरू ने विरोधी विचारों को बढ़ावा दिया था। हमें अब नेहरू की याद आ रही है, यहां तक कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को भी बंद किया जा रहा है।
भारत को गांधी और नेहरू की जरूरत है: स्टालिन
उन्होंने कहा कि आज की राजनीतिक स्थिति हमें नेहरू का सही मूल्य दिखाती है। जिस तरह तमिलनाडु को इतने वर्षों के बाद भी (ईवीआर) पेरियार, अन्ना (सीएन अन्नादुराई) और कलैगनार (एम करुणानिधि) की जरूरत है, उसी तरह भारत को संघवाद, समानता, धर्मनिरपेक्षता और भाईचारा स्थापित करने के लिए गांधी और नेहरू की जरूरत है। उन्होंने कहा कि “प्रिय भाई राहुल” अखिल भारतीय भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं, उन्हें इस बात की खुशी है की उन्होंने कन्याकुमारी से इस यात्रा को हरी झंडी दिखाई।
राहुल के भाषणों से देश में खलबली मच रही: स्टालिन
उन्होंने कहा कि राहुल के भाषणों से देश में खलबली मच रही है। वह चुनावी राजनीति या दलगत राजनीति नहीं बल्कि विचारधारा की राजनीति कर रहे हैं। और इसीलिए कुछ लोगों द्वारा उनका पुरजोर विरोध किया जा रहा है। उनकी बातें कभी-कभी नेहरू जैसी होती हैं। नेहरू के उत्तराधिकारी ऐसी बात न करें तो ही आश्चर्य होगा। स्टालिन ने कहा कि गोडसे के वंशज महात्मा गांधी और नेहरू के उत्तराधिकारियों की बातचीत से केवल कड़वाहट महसूस करेंगे। उन्होंने तमिलनाडु में नेहरू के योगदान को याद किया, जिसमें हिंदी न थोपने का उनका आश्वासन भी शामिल था। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के प्रयास अभी चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए बहुत कुछ किया है और आईआईटी-मद्रास और यहां की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री और नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन (एनएलसी) सहित अन्य इसकी गवाही देते हैं। स्टालिन ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वयं नेहरू की प्रशंसा की थी और कहा था कि उनके नेतृत्व में देश सुरक्षित हाथों में है।
उन्होंने कहा कि नेहरू ने न केवल कांग्रेस की आवाज बल्कि भारत की आवाज को प्रतिध्वनित किया। वह पूरे भारत के लिए एक प्रधानमंत्री थे- वह एक भाषा, एक विश्वास, एक पंथ, एक संस्कृति, एक कानून के खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता और राष्ट्रवाद एक साथ अस्तित्व में नहीं रह सकते। इसलिए धर्मनिरपेक्ष ताकतें उनकी सराहना करती हैं।