छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 1 सितम्बर 2020। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के प्रथम चरण के सफल क्रियान्वयन के परिणाम स्वरूप जिले मंे चिन्हित 26816 बच्चों में से लगभग 15 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से बाहर हो गये है।
महिला एवं बाल विकास द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के अतिरिक्त मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन भी किया जा रहा है। विगत 2 अक्टूबर 2019 से संचालित इस योजना के अंतर्गत 06 माह से 05 वर्ष की आयु तक सभी कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण के आहार के अतिरिक्त सप्ताह में 3 दिन पौष्टिक लड्डू और सभी शिशुवती माताओं को गरम भोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रदाय किया जा रहा था। कोविड 19 महामारी के दौरान आंगनबाड़ी बंद होने से कुपोषित बच्चों को पौष्टिक लडडु एवं शिशुवती माताओं को सूखा राशन घर घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। प्रवासी श्रमिक परिवारोें को भी मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का लाभ दिया गया। क्वारेंटाईन अवधि में हितग्राहियों को पौष्टिक लड्डू एवं सुखा राशन घर घर जाकर दिया जा रहा है।
जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी बिलासपुर ने बताया कि कुपोषण मुक्ति के लिए संचालित पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, एवं मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से विगत तीन वर्षाें के भीतर कुपेाषण दर में 4.59 प्रतिशत कमी आई है। वर्ष 2018 में कुपोषण का प्रतिशत 26.67 प्रतिशत था वह 2020 में घटकर 16.08 प्रतिशत हो गया है।