छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 13 नवंबर 2022। मिस्र के शर्म अल-शेख में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में 194 पक्षों के वार्ताकारों ने मूल बिंदुओं से जुड़े विषय को लेकर एक मसौदा पर काम करना शुरू कर दिया है। भारत ने शनिवार को प्रस्ताव दिया कि तेल और गैस सहित सभी जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से कम करने के निर्णय के साथ वार्ता समाप्त हो जाए। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। जलवायु वार्ता में भाग ले रहे भारतीय प्रतिनिधिमंडल के एक सूत्र ने बताया कि प्राकृतिक गैस और तेल से भी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। केवल एक ईंधन को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। भारतीय वार्ताकारों ने मिस्र के सीओपी-27 अध्यक्ष को बताया कि पेरिस समझौते के तहत सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों, हिस्सेदारी और राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित जलवायु प्रतिबद्धताओं के बुनियादी सिद्धांत हैं। इन सिद्धांतों को इस सम्मेलन के मूल बिंदुओं से जुड़े विषय को लेकर किए गए निर्णय में दृढ़ता से जोर देने की आवश्यकता है।
जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल की छठी आकलन रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारत ने कहा कि पेरिस समझौते के दीर्घकालिक लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से कम करने की आवश्यकता है। भारतीय पक्ष ने कहा कि उत्सर्जन के स्रोतों में से किसी एक को अधिक हानिकारक बताने या ग्रीनहाउस गैसों के स्रोत होने पर भी उसे ‘ग्रीन और टिकाऊ’ स्तर का घोषित करने के लिए अभी तक हमारे पास उपलब्ध सर्वोत्तम विज्ञान में कोई आधार नहीं है।मूल बिंदुओं के निर्णय को लेकर वार्ता शनिवार को शुरू हुई जिसमें देशों ने प्रस्ताव दिया कि वे अंतिम सौदे में क्या शामिल करना चाहते हैं। बता दें कि पिछले साल ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (COP26) में वार्ता कोयले के निरंतर उपयोग को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के बजाय चरणबद्ध तरीके से कम करने के समझौते के साथ समाप्त हुई थी।