छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 06 नवंबर 2022। पाकिस्तान में सीपीईसी प्रोजेक्ट पर चल रहे काम के बीच एक अहम जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे सभी चीनी श्रमिकों को पाकिस्तान सरकार बुलेट-प्रूफ कार देने का फैसला किया है। यानी कि ये सभी श्रमिक अब बाहरी गतिविधियों के लिए बुलेट-प्रूफ वाहनों का उपयोग कर सकेंगे।
सुरक्षा कारणों से लिया फैसला
बता दें कि सीपीईसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी मजदूरों पर आतंकी खतरा मंडरा रहा था। जिसकी वजह से चीनी सरकार ने चिंता जताई थी और पाकिस्तान सरकार से सुरक्षा का आह्वान किया था। अब पाकिस्तान सरकार ने चीन के आग्रह को मानते हुए सभी चीनी श्रमिकों को बुलेट-प्रूफ कार देने का फैसला किया है।
जुलाई में पाकिस्तान में मारे गए थे 13 चीनी श्रमिक
गौरतलब है कि इस साल 13 जुलाई पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक भीषण बम धमाका हुआ था, जिसमें चीन के 13 श्रमिकों की मौत हो गई थी। ये सभी श्रमिक 4320 मेगावाट की दासू हाइड्रोपावर परियोजना पर काम करने के लिए जा रहे थे। लेकिन तभी आतंकियों ने इनकी बस को निशाना बनाते हुए उसमें विस्फोट किया गया। प्रोजेक्ट का काम पाकिस्तान में चीनी कंपनी कर रही है। 13 जुलाई को हुए हमले के बाद से इसपर काम बंद कर दिया गया था। हलांकि 26 अक्तूबर को काम एक बार फिर से शुरू कर दिया गया था।
क्या है सीपीईसी प्रोजेक्ट
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) अरब सागर पर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिम चीन के झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर से जोड़ता है। इस योजना में चीन ने 60 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। यह चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का हिस्सा है, जो राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक घरेलू परियोजना है।
चीनी कामगारों की सुरक्षा में खतरा उसकी विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में एक बड़ी बाधा रही है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, सीपीईसी की 11वीं संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) के मसौदे के अनुसार, दोनों पक्ष कानून-प्रवर्तन एजेंसियों और जांचकर्ताओं की क्षमताओं को मजबूत करने पर भी सहमत हुए हैं।