अब विभागों में गए बिना दाखिल हो जाएगा आवेदन, अपील भी हो सकेगी
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 13 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ में अब लोगों को सूचना के अधिकार के तहत विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वह घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इस दौरान अगर उनके आवेदन पर कार्यवाही नहीं होती है तो अपील भी कर सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से राज्य सूचना आयोग के लिए तैयार की गई वेबसाइट rtionline.cg.gov.in को लॉन्च कर दिया गया है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कंप्यूटर का बटन दबाकर इसकी शुरुआत की। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ छठवां राज्य है। इस दौरान मुख्य सचिव जैन ने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल को हिंदी में भी बनाया जाए। जिससे जो कम शिक्षित लोग हैं, वे भी इसका उपयोग आसानी से कर सकें। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा। मुख्य सचिव जैन ने सुझाव दिया कि सूचना के अधिकार को और प्रभावी बनाने के लिए जनसंपर्क विभाग और आयोग मिलकर छत्तीसगढ़ की स्थानीय भाषा में शार्ट वीडियो बनाएं। जिसमें वेब पोर्टल की पूरी प्रक्रिया बताई जाए। जिससे आम लोगों को लाभ मिल सके।
जन सूचना अधिकारी करा सकेंगे पंजीकरण
मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने कहा कि यह ऑनलाइन पोर्टल 24 घंटे और सातों दिन चालू रहेगा। इसके लिए साल 2020 से प्रयास कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब 14 हजार से अधिक जनसूचना अधिकारी हैं। सभी विभागों के जनसूचना अधिकारी अपना रजिस्ट्रेशन इस पोर्टल में ऑनलाइन कर सकते हैं। साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारियों एवं नोडल अधिकारी का विवरण भरकर आगे भेज सकते हैं। प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी को वेरिफिकेशन करना होगा, उसके बाद रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा।
ऑनलाइन जमा कर सकेंगे आवेदन के लिए फीस
सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त करने के लिए आदेवक ऑनलाइन ही फीस जमा कर सकेंगे। इसके लिए वेबसाइट पर तीन ऑप्शन दिए जा रहे हैं। इसमें नेट बैंकिंग और डेबिट/क्रेडिट कार्ड के साथ क्यू आर कोड स्कैन कर किसी भी यूपीआई से रुपए ट्रांसफर हो जाएंगे। इसके कारण आवेदक को नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प/बैंक ड्राफ्ट/पोस्टल आर्डर/मनीआर्डर करने की आवश्यकता नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा ऑनलाइन
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से नोटिस जारी किया गया है कि सूचना के अधिकार के तहत आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण किया जाए। केंद्रीय सूचना आयोग और कुछ राज्यों ने पोर्टल बनाया है। महत्वपूर्ण यह है कि अधिनियम के तहत फीस भी ऑनलाइन की जमा की जा सकती है। इससे राज्य के दूरदराज क्षेत्र के नागरिकों को लाभ मिल सकेगा।