छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 05 अगस्त 2022। ‘हर-घर तिरंगा’ अभियान लाखों परिवारों की आय का जरिया भी बन गया है। कोविड काल में मास्क तैयार करने की मुहिम से जिस तरह सैकड़ों समूहों, संगठनों ने अलग पहचान बनाई थी, तिरंगा तैयार करने में लोग उसी तरह जुटे नजर आ रहे हैं। देश के हजारों स्वयं सहायता समूहों और अन्य तमाम लोगों को बड़ी मात्रा में तिरंगा तैयार करने का ऑर्डर मिल रहा है। कंपनियों को कार्पोरेट सोशल रेस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड से अभियान पर खर्च करने की इजाजत और राजनीतिक दलों के अभियान से जुड़ने की प्रतिस्पर्धा ने झंडे की डिमांड का माहौल तैयार कर दिया है। देश में तिरंगा तैयार करने से ही 750 करोड़ से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है।
पीएम मोदी ने किया घर-घर तिरंगा लगाने का आह्वान
पीएम नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर्व के उपलक्ष्य में 13 से 15 अगस्त तक हर-घर तिरंगा फहराने का आह्वान किया है।
यूपी में 4.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज फहराने का लक्ष्य
यूपी सरकार ने 4.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने का लक्ष्य तय किया है। इसमें दो करोड़ ध्वज सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से खरीदने की योजना है। इसे छोटे व मझोले उद्योग तैयार करेंगे। बाकी ढाई करोड़ ध्वज राज्य के 9300 से अधिक स्वयं सहायता समूहों, स्वयं सेवी संगठनों व निजी सिलाई केंद्रों से खरीदने की योजना है।
90 करोड़ रुपये होंगे खर्च
सरकार ने प्रति झंडा 20 रुपये कीमत तय की है। इस तरह साढ़े चार करोड़ झंडे की खरीद-बिक्री पर करीब 90 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। यह पूरी रकम छोटे मझोले उद्योगों और स्वयं सहायता समूहों आदि के जेब में जाने वाली है।
- उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सभी 20 लाख घरों में तिरंगा फहराने की तैयारी का निर्देश दिया है। अभियान को लेकर भाजपा व कांग्रेस भी अपने तरीके से जुटी है। इस तरह 5 करोड़ से अधिक का कारोबार होने वाला है।
- छत्तीसगढ़ सरकार का 60 लाख घरों तक तिरंगा पहुंचाने का लक्ष्य है। सरकारी मुहिम से हटकर कांग्रेस और भाजपा अपने स्तर से जुटी है। एमपी व हरियाणा सरकार भी मुहिम में जुटी है।
यहां भी तिरंगा उपलब्ध
- डाकघरों से भी तिरंगा उपलब्ध कराने की तैयारी है। लोग 25 रुपये अदाकर तिरंगा खरीद सकेंगे।
- ऑनलाइन भी अमेजन व फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन शाॅपिंग साइट्स से भी झंडे की खरीद की जा सकती है।
- प्रधानमंत्री ने देश के सभी 25 करोड़ घरों में तिरंगा फहराने का लक्ष्य तय किया है। जानकार बताते हैं कि तैयारी के लिहाज से तिरंगे की आवश्यकता इससे अधिक पड़ने वाली है। 750 करोड़ खर्च होने का अनुमार, अभियान के दौरान केवल झंडे की खरीद पर 750 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने वाले हैं। इसमें सरकारी, गैर सरकारी व कारपोरेट स्तर से खर्च होने वाली धनराशि शामिल हैं।