छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
पटना 23 जुलाई 2022। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को राजग के तय वोटों से ज्यादा मत मिले हैं। इसके आधार पर बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जैसवाल ने दावा किया है कि राजद नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के प्रति उनकी पार्टी में असंतोष है। 18 जुलाई को हुए चुनाव में द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति निर्वाचित हुई हैं।
जायसवाल ने तेजस्वी यादव का नाम लिए बगैर राजद नेता पर अपने समर्थकों, विशेष रूप से अपनी ही जाति के लोगों के साथ जागीरदार की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया। बिहार भाजपा अध्यक्ष ने शुक्रवार को कहा कि राज्य विधानसभा में हमारी प्रभावी सदस्य संख्या 125 थी, क्योंकि हमारा एक विधायक मतदान नहीं कर सका, जबकि मुर्मू को 133 सदस्यों के वोट मिले। क्रॉस वोटिंग का यह पर्याप्त सबूत है। जायसवाल ने कहा कि क्रॉस वोटिंग विपक्षी खेमे में उनके नेता के खिलाफ नाराजगी का कारण था। वह अपने सभी समर्थकों को अपना हलवाह या चरवाहा मानते थे। जायसवाल ने यादव के हालिया दावे कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राजद में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी पर परोक्ष निशाना साधते हुए यह बात कही। लोकसभा सदस्य जायसवाल ने बिहार विधानसभा में राजद की मजबूत स्थिति को लेकर तेजस्वी के दावे का मखौल भी उड़ाया।
संजय जायसवाल ने कहा कि राजद के आठ विधायकों ने अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनी और पार्टी लाइन से परे जाकर मुर्मू को वोट दिया। बिहार भाजपा अध्यक्ष ने एनडीए का समर्थन देने वाले सभी सांसदों और विधायकों का आभार जताया। इधर, राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि किसने वोट डालते वक्त क्या किया, इसकी तलाश की जाएगी। हालांकि, राजद का कोई भी विधायक ऐसा नहीं कर सकता। द्रौपदी मुर्मू को अनुमान से सात ज्यादा वोट मिले थे। मतदान में 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के 241 सदस्यों ने हिस्सा लिया था। दो वोट निरस्त हो गए। इस तरह कुल 239 वोट वैध माने गए। इनमें से मुर्मू को 133 ने वोट दिया जबकि सिन्हा को 106 वोट मिले।
जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी ने बिहार विधानसभा चुनाव में 150 सीटों पर चुनाव लड़कर 75 सीटें जीतीं, जबकि हमने 110 सीटों पर लड़कर 74 सीटें जीतीं। भाजपा के पास अब 77 विधायक हो गए हैं, क्योंकि निष्कासित मंत्री मुकेश साहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के तीन विधायकों ने पाला बदल दिया है। बिहार विस में राजद सबसे बड़ी पार्टी है। उसके 80 विधायक है। उसने उपचुनाव में वीआईपी से एक सीट छीन ली है और असदुद्दीन ओवैसी के एआईएमआईएम के पांच सदस्यों में से एक को छोड़ सब राजद में शामिल हो गए हैं।