पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन, बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी जानकारी, 21 दिन पहले कोरोना रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव

Chhattisgarh Reporter
शेयर करे

1969 में राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई, विदेश, वित्त, रक्षा मंत्री जैसे बड़े सभी बड़े पोर्टफोलियो संभाले

प्रणब मुखर्जी को 2019 में देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

नई दिल्ली 31 अगस्त 2020। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) का सोमवार को अस्पताल में निधन हो गया। 10 अगस्त से वे दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) हॉस्पिटल में भर्ती थे। इसी दिन ब्रेन से क्लॉटिंग हटाने के लिए इमरजेंसी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। प्रणब ने 10 तारीख को ही खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की बात भी कही थी। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन की जानकारी दी।

राष्ट्रपति कोविंद ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक

गृह मंत्री अमित शाह ने जताया शोक

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी एक शानदार नेता थे, जिन्होंने देश की सेवा की. प्रणब जी का राजनीतिक करियर पूरे देश के लिए गर्व की बात है. अमित शाह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन में देश की सेवा की, उनके निधन के बाद देश के सार्वजनिक जीवन को बड़ी क्षति हुई है।

पिछले साल मिला था भारत रत्न

प्रणब को पिछले साल भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया था। बेटी शर्मिष्ठा ने ट्वि‍टर पर लिखा कि पिछले साल 8 अगस्त मेरे लिए सबसे खुशी का दिन था, क्योंकि उस दिन मेरे पिता को भारत रत्न से नवाजा गया था। उसके ठीक एक साल बाद 10 अगस्त को उनकी तबीयत खराब और गंभीर हो गई।

क्लर्क रहे, कॉलेज में भी पढ़ाया

प्रणब का जन्म ब्रिटिश दौर की बंगाल प्रेसिडेंसी (अब पश्चिम बंगाल) के मिराती गांव में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एमए किया। वे डिप्टी अकाउंट जनरल (पोस्ट एंड टेलीग्राफ) में क्लर्क भी रहे। 1963 में वे कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर भी रहे।

1969 में शुरू हुआ राजनीतिक सफर

प्रणब के पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1969 में हुई। उन्होंने मिदनापुर उपचुनाव में वीके कृष्ण मेनन का कैम्पेन सफलतापूर्वक संभाला था। तब प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया। 1969 में ही प्रणब राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए चुने गए।

Leave a Reply

Next Post

सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण पर 1 रुपए का लगाया जुर्माना ; 15 सितंबर तक नहीं भरा तो 3 महीने की होगी जेल

शेयर करेभूषण ने कहा था- 4 पूर्व चीफ जस्टिस ने बीते 6 सालों में लोकतंत्र को खत्म करने में भूमिका निभाई सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेंट को अवमानना मानते हुए 14 अगस्त को भूषण को दोषी ठहराया था छत्तीसगढ़ रिपोर्टर नई दिल्ली 31 अगस्त 2020। कोर्ट और जजों की अवमानना […]

You May Like

वाईएसआरसीपी, टीडीपी और जनसेना भाजपा की बी टीम', आंध्र प्रदेश में विपक्ष पर भड़के राहुल गांधी....|....तरुण तहलियानी की मौजूदगी में अनन्‍या पांडे ने किया "तस्‍वा" का उद्घाटन....|....सोनू बग्गड़ को पहली पंजाबी फ़िल्म "ट्रेवल एजेंट" के लिए धर्मेंद्र ने दिया आशीर्वाद....|....झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में पोलिंग पार्टियों की हेलीकॉप्टर से रवानगी शुरू....|....बीजापुर में 12 नक्सलियों के शव को जिला अस्पताल लाया गया....|....करीना कपूर को मध्य प्रदेश हाइकोर्ट का नोटिस; धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप....|....सीएम साय समेत मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने ओडिशा-झारखंड में डाला डेरा, कर रहे धुआंधार प्रचार....|....जगदलपुर की 14 सदस्यीय टीम पहुंची उत्तराखंड, चमोली में बर्फ से घिरे पहाड़ की चोटी पर फहराया तिरंगा....|....टाॅप बॉलीवुड अभिनेत्रयों को ब्रांड एंबेसडर बनाने वाले बिल्डर पर ED का एक्शन, 52 करोड़ की संपत्ति जब्त....|....चेन्नई की हार से जागी इन टीमों की उम्मीद,आरसीबी-गुजरात भी दौड़ में बरकरार