
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली/ मुंबई 21 जुलाई 2022। महाराष्ट्र में सियासी झगड़े पर सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई के बीच एकनाथ शिंदे मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पेच फंसता दिखाई दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को होनी है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने दावा किया है की सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। ऐसी स्थिति में फिलहाल, एकनाथ शिंदे मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सकेगा। तब तक दो लोगों की ही सरकार रहेगी। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हालांकि कांग्रेस के इस दावे को गलत बताया है। उन्होंने कहा, जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। फडणवीस ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे पक्ष के विधायकों को दी गई नोटिस को लेकर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। इससे मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता का नाम लिए बगैर कहा, कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं, उस पर विश्वास न करें।
विस्तार में अड़चन नहीं : निकम
वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से मंत्रिमंडल विस्तार में कोई अड़चन नहीं आएगी। अदालत ने इस पर कोई रोक नहीं लगाई है। सिर्फ विधायकों के निलंबन को लेकर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है।
महाराष्ट्र संकट पर संविधान पीठ को विचार करने की जरूरत : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के कारण हुई राजनीतिक उथल-पुथल से संबंधित मामले में कई सांविधानिक सवाल उठे हैं। इन पर पांच सदस्यों की संविधान पीठ को विचार करने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को अगले आदेश तक अयोग्यता याचिकाओं पर विचार नहीं करने और विधायी सचिव को सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।
सीजेआई एनवी रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा, कुछ मुद्दों पर एक बड़ी पीठ के निर्णय की आवश्यकता होगी। इसमें यह भी सवाल है कि क्या किसी पार्टी में ‘अल्पमत’ को बहुमत द्वारा की गई नियुक्तियों को भंग करने का अधिकार है? इस तरह के अन्य मुद्दों का निपटारा करना पड़ेगा। एक दूसरा सवाल यह है कि क्या होगा अगर एक मुख्यमंत्री को विधानसभा में नेता होने के बावजूद अपनी पार्टी का विश्वास हासिल नहीं है?
इन सब सवालों के जवाबों के लिए इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेजना होगा। पीठ ने मामले के पक्षकारों की ओर से पेश वकीलों से उन मुद्दों को तय करने को कहा जिन्हें अदालत के समक्ष उठाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 1 अगस्त को सुनवाई करेगा।
दायर की गई हैं छह याचिकाएं
- सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अयोग्यता कार्यवाही, स्पीकर के चुनाव, पार्टी व्हिप की मान्यता और राज्यपाल द्वारा फ्लोर टेस्ट के आदेश से संबंधित छह याचिकाएं सुनवाई के लिए आई हैं। शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त स्पीकर को अयोग्यता याचिकाओं पर कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाने को कहा था।
- एकनाथ शिंदे और 48 अन्य विधायकों के विद्रोह के बाद 29 जून को अदालत ने ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार के लिए 30 जून को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट आयोजित करने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था।
सिब्बल की दलील, खतरे में लोकतंत्र
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, अगर दसवीं अनुसूची के तहत रोक के बावजूद किसी भी राज्य में सरकार गिराई जा सकती है तो लोकतंत्र खतरे में है। पार्टी के 40 सदस्यों ने अपने आचरण से संविधान की दसवीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के पैरा-2 के अनुसार पार्टी की सदस्यता छोड़ कर खुद को अयोग्य घोषित कर लिया है। सिब्बल ने अदालत से विधानसभा के रिकॉर्ड तलब करने को कहा। उन्होंने दावा किया, राज्यपाल किसी ऐसे व्यक्ति को शपथ नहीं दिला सकते, जिसने खुद को पार्टी से अलग करने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि दसवीं अनुसूची को उलट-पुलट कर दिया गया है।
साल्वे बोले, अयोग्यता कार्यवाही ने पार्टी के भीतर के लोकतंत्र का गला घोंटा
शिंदे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा, अयोग्यता की कार्यवाही ने पार्टी के भीतर के लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया है। किसी पार्टी में बड़ी संख्या में लोगों को लगता है कि अन्य व्यक्ति को नेतृत्व करना चाहिए तो गलत क्या है? क्या हम ऐसी निराशाजनक स्थिति में हैं कि जिस व्यक्ति को समर्थन देने के लिए 20 विधायक भी नहीं मिल सकते, उसे सत्ता में वापस लाना होगा। साल्वे ने यह भी तर्क दिया कि अदालत ने कभी भी किसी दल के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया है। पार्टी में आवाज उठाना व ‘लक्ष्मण रेखा’ नहीं लांघना, दलबदल नहीं है।
भाजपा विधायक को सौ करोड़ में मंत्री पद का झांसा, चार गिरफ्तार
पुलिस की एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने पुणे के दौंड से भाजपा विधायक राहुल कुल को 100 करोड़ रुपये में कैबिनेट मंत्री बनवाने का झांसा देने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है। अदालत ने उन्हें 26 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेजा है। पुलिस ने बताया कि विधायक ने पिछले हफ्ते रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 16 जुलाई को कुल के सहयोगी बालकृष्ण थोरात को दिल्ली से रियाज शेख का फोन आया। शेख ने कुछ शीर्ष राजनेताओं से संपर्क का दावा करते हुए कहा, वह सौ करोड़ रुपये में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनवा सकता है। बाद में सौदा 90 करोड़ रुपये में विधायक ने सौदा स्वीकारने का नाटक कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने एक होटल में आए कोल्हापुर के रियाज शेख को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद नागपाड़ा निवासी जफर अहमद उस्मान, ठाणे निवासी सागर सांगवई और योगेश को गिरफ्तार किया है।