छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 12 जुलाई 2022। भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने सभी जी-20 सदस्य देशों से सामूहिक रूप से स्वास्थ्य, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों को तत्काल, सहकारी, गैर-राजनीतिक और न्यायसंगत तरीके से ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया।इंडोनेशिया के लाबुआन बाजो में जी20 शेरपाओं की दो दिवसीय बैठक में अमिताभ कांत की यह टिप्पणी यूक्रेन में संघर्ष के कारण खाद्य और ऊर्जा संकट पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच आई है। जी20 के अध्यक्ष के रूप में इंडोनेशिया द्वारा आयोजित बैठक सोमवार को संपन्न हुई। इस बैठक में जी20 शेरपाओं के विभिन्न कार्य समूहों के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की गई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “उन्होंने सभी जी20 सदस्यों से सामूहिक रूप से स्वास्थ्य, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों को तत्काल, सहकारी, गैर-राजनीतिक और न्यायसंगत तरीके से ध्यान देने के महत्व पर जोर दिया।” हलांकि पश्चिमी ताकतें ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा चिंताओं के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराती रही हैं।
छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा की भी बात की
विदेश मंत्रालय ने कहा कि कांत ने विकास, सशक्तिकरण, वित्तीय समावेशन और टिकाऊ रोजगार सृजन के लिए डाटा और डिजिटलीकरण के महत्व पर प्रकाश डालने के अलावा छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा और उसे बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र में मुख्यधारा की स्थिरता के बारे में भी बात की। अमिताभ कांत ने इंडोनेशिया से स्वास्थ्य, कृषि, पर्यटन, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण और जलवायु जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट सत्रों के दौरान भारत के दृढ़ समर्थन की पुष्टि की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस दौरान उन्होंने भारत की उपलब्धियों और अनुभवों को भी रेखांकित किया और वैश्विक चुनौतियों का “समावेशी, दूरदर्शी और सहकारी तरीके” से निपटारा करने का आह्वान किया। जी20 शेरपाओं की बैठक गुट के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा बाली में एक बैठक में दबाव वाली वैश्विक चुनौतियों पर व्यापक विचार-विमर्श के दो दिन बाद हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विचार-विमर्श में भाग लिया। विदेश मंत्रालय ने कहा, “आपदा जोखिम, जलवायु और पर्यावरण के मुद्दों पर उन्होंने (कांत) विकास और जलवायु को लेकर बातचीत को एक समान स्तर पर समग्र रूप से विचार करने के लिए कहा ताकि इसमें बदलाव सुनिश्चित हो सके। उन्होंने अक्षय ऊर्जा को बढ़ाने में भारत द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और भारत की सीओपी-26 प्रतिबद्धताओं को दोहराया। प्रवास के मुद्दों पर, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव को और गहरा करने और सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवास की सुविधा पर जोर दिया।”
बता दें कि इंडोनेशियाई जी20 अध्यक्षता के तहत पहली शेरपा बैठक पिछले साल सात से आठ दिसंबर को हुई थी। कांत ने अपने सभी जी20 समकक्षों, अतिथि देशों और भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की। इन बैठकों में, उन्होंने वैश्विक मुद्दों और इसके आगामी जी20 अध्यक्ष पद पर भारत की सोच को साझा किया और इसके परिणामों को प्राप्त करने के लिए इंडोनेशियाई नेतृत्व को और समर्थन देने के तरीकों पर चर्चा की।
ये हैं जी20 के सदस्य देश
अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ इसके सदस्य देश हैं। इसके अलावा स्पेन को भी स्थायी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। भारत दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।