कोयला मंत्री के बहकावे में न आए छत्तीसगढ़ सरकार – हरिद्वार सिंह

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

बिलासपुर 01/08/2020 कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी रायपुर प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ बैठक किए। बैठक के परिणाम के रूप में कोयला मंत्री ने बयान दिया है कि 3 कोल ब्लॉक को छत्तीसगढ़ में निजी हाथों में देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के साथ सहमति बनी है किंतु मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के तरफ से इस संबंध में कोई बयान जारी नहीं हुआ है ।छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए हजारों साल से धरती मां के गर्भ में संचित कोयला भंडारण का दोहन निजी कंपनियों से करना चाहते हैं या एसईसीएल से जो कोल इंडिया का एक अंग है ।कोयला तो निकलेगा चाहे कोयला खान निजी हाथों में रहे या सार्वजनिक क्षेत्र में लेकिन बहुत बड़ा प्रश्न है छत्तीसगढ़ वासियों के सामने ।

एटक के महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह ने “छत्तीसगढ़ रिपोर्टर” से कहा है कि एसईसीएल किसानों से जमीन अधिग्रहण करती है तो उसके बदले 2 एकड़ जमीन पर परिवार के एक व्यक्ति को एसईसीएल में नौकरी देती है और एसईसीएल में नौकरी मिलने का मतलब है की पूरी उस व्यक्ति की जिंदगी उस परिवार का जीने का स्तर अचानक उठ जाता है।३५ हजार रुपए प्रति माह से सैलरी जो शुरू होती है उसके जीवन काल में ही बढ़ कर के 50,हजार 60,हजार 70हजार और 1लाख रुपए तक हो जाता है। न केवल अच्छी सैलरी मिलती है  मकान इलाज बच्चों की पूरी शिक्षा साल में भारत भ्रमण के लिए परिवार के 4 लोगों को आने जाने का किराया हर साल घर  आने जाने का किराया और बहुत सारे सुविधाएं शामिल हैं जिसका जिक्र करना यहां मुनासिब नहीं है ।लेकिन निजी कंपनियां ना तो जमीन के बदले रोजगार देती है ना कंपनी के पैसे से इलाज कराती हैं न उनके बच्चों को ऊंची शिक्षा देती हैं और नउनको किसी तरह का सहयोग करती हैं रॉयल्टी के नाम पर भी निजी कंपनियां कम उत्पादन दिखा करके धोखा घड़ी करती हैं टैक्स की चोरी करती हैं सार्वजनिक क्षेत्र का एक एक मजदूर आयकर टैक्स देता है ऐसी स्थिति में सरकार किसके साथ है।

सिंह ने कहा छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ नागरिकों के साथ या निजी कंपनियों के साथ एक बहुत बड़ा सवाल है और  छत्तीसगढ़ सरकार को इसका खुलासा करना चाहिए एस.ई.सी .एल अकेले विगत वर्ष कोल इंडिया छत्तीसगढ़ सरकार और मध्य प्रदेश सरकार को 14 हजार करोड़ रूपया दिया है  सीएसआर के नाम पर उत्पादन का ₹2 प्रति टन कोयला परी क्षेत्र के बाहर गांव के सामुदायिक विकास के लिए करोड़ों रुपया एसईसीएल देती है और  कोविड-19 के समय भी एसईसीएल पीछे नहीं रहा रायगढ़ सरगुजा सूरजपुर कोरिया मध्य प्रदेश के अनूपपुर शहडोल उमरिया बिलासपुर कोरबा इन तमाम जिलों को 25- 25 लाख रुपए जिला कलेक्टर को एस.ई.सी.एल. ने दिया है जब कोटा से 22 सौ बच्चे छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा विभिन्न जगह लाए गए थे उन बच्चों के रखरखाव के लिए खिलाने पिलाने के लिए एस. ई.सी. ल ने शासन को 22 लाख रुपए का सहयोग दिया था ।क्या निजी कंपनी से इस तरह के सहयोग की उम्मीद की जा सकती है गेवरा में अपने ट्रेनिंग सेंटर को covid-19 के मरीजों को रखने के लिए एसईसीएल ने मुहैय्या करा दिया था और उनके खाने-पीने का इंतजाम एसईसीएल कर रही थी ।

हरिद्वार सिंह ने बताया कि अंबिकापुर में  मेडिकल कॉलेज  के निर्माण में  एसईसीएल में  4 करोड़  का अनुदान  दिया है छत्तीसगढ़ के विकास में बिलासपुर के विकास में एसईसीएल का बहुत बड़ा सहयोग है   निजी कंपनियां आ जाने से क्या छत्तीसगढ़ का विकास इस रफ्तार में हो पाएगा एक सवाल है इसीलिए मेरी राय है कि छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ में निजी कंपनियों को कोयला खोलने की इजाजत न दें और जनता किसानों आदिवासियों के हितों की रक्षा करें। यही समय की पुकार है और यही आज की आवश्यकता है कोयला मजदूर 18 अगस्त को पूरे देश में मुकम्मल हड़ताल पर जाएंगे देश के दूसरे सार्वजनिक क्षेत्र के मजदूर बैंक पैट्रोलियम एलआईसी बिजली डिफेंसऔर यूं कहें कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लामबंद होकर के और 18 अगस्त के कोयला मजदूरों के हड़ताल को पुरजोर समर्थन देने का ऐलान किया है

हरिद्वार सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को मजदूरों के साथ खड़ा होना चाहिए और केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र बेचने के फैसले का पुरजोर विरोध करना चाहिए। पंडित नेहरू ने जब छत्तीसगढ़ में भिलाई इस्पात कारखाना का शिलान्यास करते समय अपने उद्बोधन में कहा था कि यह सार्वजनिक क्षेत्र इस देश का मक्का है मंदिर है गुरुद्वारा है गिरजाघर है दुनिया के लोग यहां दर्शन करने आएंगे ।उसी छत्तीसगढ़ में उन्हीं के विचारधारा के सरकार कोयला ब्लॉक को निजी कंपनियों को बेचने की इजाजत देती है तो मैं समझता हूं बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा और इस बात को भी छत्तीसगढ़ सरकार को समझना चाहिए ।विधानसभा चुनाव में कोयला मजदूरों ने बहुत बड़े लेवल पर अपने विचारधारा को दरकिनार करके और यथासंभव कांग्रेस की मदद की थी लोकसभा चुनाव में भी छत्तीसगढ़ में एकमात्र सीट कोरबा कांग्रेस ने जीती उसमें भी कोयला मजदूरों के बहुत बड़ी भागीदारी थी।

इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार को व्यापक सोच के साथ केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करना चाहिए एटक एस.ई.सी.एल के महामंत्री मध्य प्रदेश के अध्यक्ष जेबीसीसीआई के सदस्य कामरेड हरिद्वार सिंह कोयला मंत्री के बयानों का विरोध करते हुए और इसका मुकाबला करने की संकल्प लेने की बात कही है। कोयला मजदूर सब कुछ बर्दाश्त करेगा लेकिन कोयला खदान जो उनकी मां है उसकी सरेआम नीलामी बर्दाश्त नहीं कर सकता है इस भावना को भी छत्तीसगढ़ सरकार को समझना चाहिए।

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