छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 30 मार्च 2022। केंद्र सरकार ने कैंसर की 44 महंगी दवाओं का कारोबारी मार्जिन तय किया है, जिससे उनकी कीमतें घटी हैं। यह दावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राज्यसभा में किया। शून्यकाल में उन्होंने बताया, उत्पादक द्वारा वितरक को बेचते समय दवा की जो पहली कीमत होगी, कारोबारी मार्जिन उसके 60 फीसदी से अधिक न करने की सीमा लगाई गई है, ताकि दवा की एमआरपी नियंत्रित रहे। द्रमुक सांसद एम षणमुगम के सवाल पर मांडविया ने बताया, इससे दवा के दाम घटे हैं और कैंसर मरीजों को राहत मिली है। उन्होंने बताया, देश ने कैंसर की दवाओं की उत्पादन क्षमता हासिल कर ली है। पहले ये दवाएं आयात होती थीं, अब निर्यात हो रही हैं। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने 175 पूर्व सैनिकों के चिकित्सा बिलों का भुगतान केंद्र की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में न करने पर सवाल किया। मांडविया ने कहा, 2021-22 में भुगतान के लिए आए 1343 करोड़ के बिलों में से 1330 करोड़ रुपये का निस्तारण कर दिया गया है।
अब 81 शहरों में सीजीएचएस केंद्र
सरकार सीजीएचएस केंद्रों का 25 से बढ़ा 81 शहरों में विस्तार कर रही है। हर दो महीने में योजना के लाभ नई जरूरतों के अनुसार सुधारे जा रहे हैं। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने प्रमुख अस्पतालों के सीजीएचएस से खुद को अलग करने पर सवाल किया था।
दवा उत्पादन में चीन पर निर्भरता होगी कम
आत्मनिर्भर भारत को मजबूती देने के लिए दवा उत्पादन में उपयोगी कच्चा माल देश में ही बनने लगा है। अब 32 फैक्टरियां 35 तरह का कच्चा माल बना रही हैं और चीन पर निर्भरता कम हुई है। इससे पहले 53 तरह का कच्चा माल बाहर से आता था, जिनसे बुखार से लेकर दर्दनिवारक गोलियां बनती हैं। स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने बताया, सरकार ने इस क्षेत्र में और अधिक निवेश करने का फैसला भी लिया है, ताकि चीन-अमेरिका पर निर्भरता न के बराबर रह जाए। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान खपत का 72.15% कच्चा माल चीन से आता था। अब विश्व में 80% तक जेनेरिक दवाएं भारत मुहैया करा रहा है, इन्हीं दवाओं के लिए 2018 में 66.53 व 2019 में 72.40 फीसदी कच्चा माल चीन से आयात किया था। प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव योजना से यह संभव हुआ है।