छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
भोपाल 29 मार्च 2022। मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 के नतीजों में गड़बड़ी के आरोपों पर राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। उम्मीदवारों ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलकर उन्हें नतीजों में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसके बाद नतीजों की जांच कराने के निर्देश जारी किए हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा-2020 की जांच में मैप आईटी का सहयोग लिया जाएगा। रिजल्ट एक ही बार आया है। रिजल्ट के पहले और बाद की बात का सवाल ही नहीं उठता है। दो बार रिजल्ट जारी होने का सवाल ही नहीं उठता। रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर उम्मीदवारों ने उनसे मुलाकात की थी। उसी समय कर्मचारी चयन बोर्ड के सबसे बड़े अधिकारी से बात की थी और मैप आईटी के सहयोग से जांच के आदेश दिए हैं।
रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप
पुलिस भर्ती परीक्षा 2020 में शामिल हुए उम्मीदवारों ने रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें पहले रिजल्ट में क्वालिफाई बताया गया। बाद में डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। इन आरोपों को लेकर सोमवार को उम्मीदवारों ने कर्मचारी चयन आयोग के बाहर प्रदर्शन भी किया था। उम्मीदवारों की तरफ से गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस ने भी निशाना साधा है। कांग्रेस ने पूरे मामले पर कहा है कि सरकार ने व्यापमं का भले ही नाम बदल दिया, लेकिन घोटाले का काम अभी भी जारी है। कांग्रेस ने भी आरोपों की जांच करने की मांग की है।
पढ़ने वालों का सामूहिक नरसंहार है: चौधरी
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि पहले व्यापमं और अब पीईबी। यह योग्यताओं के बेरहम कत्ल और पढ़ने वालों का सामूहिक नरसंहार है। वह नौजवान, जिनका परिवार उन्हें पेट काटकर पढ़ाता-लिखाता है और परीक्षा दिलाता है। पहले तो परीक्षा फीस के नाम पर करोड़ों रुपये वसूले जाते हैं। फिर नौकरियों को बेचा जाता है। बाहर के प्रदेशों से ज्यादा पैसा आता है, इस वजह से उन्हें बेचा जाता है।