छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 14 दिसंबर 2021। राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित विपक्ष के 12 सदस्यों की बहाली की मांग को लेकर न तो विपक्ष का रुख बदला है न ही गतिरोध समाप्त हुआ है। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने इस मुद्दे पर सोमवार को विपक्ष के बर्ताव और हंगामे पर फिर से नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर आप हमें न सिखाएं। आप ऐसा व्यवहार जारी रखेंगे तो सदन स्थगित कर दूंगा। जिसके बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस समेत अन्य दलों के साथ वाकआउट की बात कही। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सोमवार को सदन दो बार स्थगित हुआ। खरगे ने निलंबन वापस लेने और इस मामले में सरकार के रवैये पर सवाल उठाया। सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के सीट पर खड़े रहने पर सभापति ने आपत्ति जताई। शोर-शराबे पर उन्होंने कहा कि इस तरह सदन नहीं चल सकता है। उन्होंने सदस्यों को सीट पर बैठने का कहा लेकिन विपक्षी दल हंगामा करते रहे। खरगे ने कहा कि अगर वे हमें झुकाना चाहते हैं तो हम झुकने वाले नहीं हैं। सुबह सभापति की ओर से शून्यकाल की घोषणा करते ही विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने निलंबन पर सवाल उठाते हुए कहा कि सत्र के दस दिन बीत चुके हैं। विपक्ष की भावनाओं का आदर होना चाहिए और समाधान निकाला जाना चाहिए। सभापति ने कहा कि ये दोनों पक्षों को अहसास होना चाहिए और गलती करने वालों को सोचना चाहिए।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि कुछ आरोप लगाए गए हैं और विपक्ष के नेता ने सदन में कुछ गलत बातें बताई हैं। उन्होंने कहा कि हमने बार-बार समाधान की कोशिश की सबके साथ और अलग-अलग भी। गोयल ने कहा कि विपक्ष के नेता कह रहे हैं हम माफी नहीं मांग सकते हैं हमने कोई गलती नहीं की है। आज तो चेयर की बात भी नहीं सुनी जा रही है। जो अपमान आसन का हुआ है, जो अपमान सदन और देश का हुआ है। उन्हें अब भी इसका पश्चाताप नहीं है। देश और दुनिया गरिमा गिराने के बाद भी इनके व्यवहार में बदलाव नहीं आया है।
संसद हमले के 20 साल, शहीदों को नायडू समेत पूरे सदन ने दी श्रद्धांजलि
संसद पर आतंकी हमले की बरसी के मौके पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बीस साल पहले हुए हमले की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सुरक्षाबल त्वरित कार्रवाई और अदम्य साहस की बदौलत न केवल हमले को विफल करने में सफल रहे बल्कि आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया और लोकतंत्र के पवित्र मंदिर की गरिमा को बनाए रखा। इसके लिए सुरक्षा बलों ने अपने प्राणों की आहुति भी दी। उन्होंने कहा कि पूरे सदन की ओर से वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद सदस्यों ने आतंकी हमलों के शहीदों के सम्मान में मौन रखा। 13 दिसंबर 2001 को लश्कर-ए- तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 5 आतंकवादियों ने संसद भवन परिसर में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हुई थी।
लोकसभा में एनडीपीएस बिल पर लोकसभा की मुहर, निर्मला बोलीं- कोर्ट के आदेश के बाद जरूरी था संशोधन
लोकसभा में सोमवार को विपक्ष और सरकार के बीच तीखी तकरार के बाद स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) संशोधन विधेयक पारित हो गया। इस दौरान विपक्ष ने सरकार की ओर से अध्यादेश जारी करने की बढ़ती प्रवृत्ति, ड्रग्स मामले में राजनीति पर चिंता जताई। विपक्ष ने यह भी पूछा कि आखिर कानून में चूक की बात समझने में सरकार को सात साल क्यों लग गए?वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके जवाब में कहा, पहले गोवा और बाद में त्रिपुरा हाईकोर्ट ने इस खामी की ओर इशारा किया था। त्रिपुरा हाईकोर्ट ने कानून में बदलाव लाने का निर्देश दिया था। चूंकि उस दौरान सत्र नहीं चल रहा था, ऐसे में अध्यादेश लाना सरकार की मजबूरी थी। सीतारमण ने कहा कि कानून में खामी दूर करने के अलावा इसमें और कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। बीजद के भर्तृहरि महताब ने कहा, यूपीए के बाद अब एनडीए के शासन में भी अध्यादेश की प्रवृत्ति बढ़ रही है। यह उचित नहीं है। कोई भी कानून व्यापक समीक्षा के बाद लाया जाना चाहिए। अगर सरकार ने पहले ही इसकी व्यापक समीक्षा की होती तो आज संशोधन लाने की जरूरत नहीं होती।
जेडीयू ने लोकसभा में उठाया जातिगत जनगणना का मुद्दा
भाजपा की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने सोमवार को लोकसभा में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया। शून्य काल में जेडीयू के नेता कौशलेंद्र कुमार ने पार्टी की पुरानी मांग को दोहराते हुए कहा कि अगली जनगणना में जनसंख्या के जातिवार आंकड़े जुटाए जाएं। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से आरक्षण जैसी नीतियों को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए वैज्ञानिक आधार मिलेगा। उन्होंने कहा “सुप्रीम कोर्ट भी चाहता है कि आरक्षण के लिए वैज्ञानिक आधार होना चाहिए।
संसद हमले की 20वीं बरसी : दोनों सदनों में शहीदों को किया याद
संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकी हमले की 20वीं बरसी पर सोमवार को देश की खातिर जान न्योछावर करने वाले बहादुरों को नम आंखों से याद किया। संसदों ने शहीद जवानों के सम्मान में खड़े होकर उन्हें याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की लिए वीरगति को प्राप्त होने वाले जवानों के बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि जवानों की राष्ट्र सेवा और उनका सर्वोच्च बलिदान देश को प्रेरणा देता है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की खातिर जान की बाजी लगाने वाले जवानों का देश कर्जदार रहेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सुरक्षाबल आतंकियों को हर परिस्थिति में मुंहतोड़ जवाब देंगे। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि 2001 में आतंकी लोकतंत्र के मंदिर को तहस-नहस करना चाहते थे लेकिन बहादुर जवानों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। नायडू ने कहा कि बहादुर जवान आतंकियों को उनके मंसूबों में कभी कामयाब नहीं होने देंगे।
वीरों को नमन
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी वीरों को नमन किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बहादुर जवानों को नमन किया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अहम है और सुरक्षाबल इसे कायम रखेंगे।