छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 02 दिसम्बर 2021 । छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत की फेसबुक पोस्ट के बाद विवाद खड़ा हो गया है। बिलासपुर में राउत नाचा महोत्सव में शामिल होने के बाद मंत्री भगत ने यादव समाज को पशुपालन समुदाय से जुड़ा बता दिया था। इसके बाद यादव समाज ने इसे आपत्तिजनक मानते हुए उनसे माफी मांगने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी गई है।
मंत्री की फेसबुक पोस्ट के बाद यादव समाज ने बैठक कर विरोध जताया। कहा कि उन्हें अपना शब्द वापस लेते हुए छत्तीसगढ़ी यादव समाज से माफी मांगना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर समाज ने मंत्री भगत के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। बैठक में यादव समाज के जिला अध्यक्ष शिवशंकर यादव, युवा अध्यक्ष शैलेंद्र यादव, नीरज यादव, संदीप यादव, अभिलेष यादव, मनोज यादव, शिव यादव, विजय यादव, सतीश यादव सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
युवा यादव समाज के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र यादव ने कहा कि प्रदेश के संस्कृति मंत्री को हमारी संस्कृति का ज्ञान नहीं है। यह शर्म की बात है कि राज्य के मंत्री को छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति की जानकारी नहीं है। फेसबुक में उन्होंने यादव जाति को पशुपालक समुदाय बताकर अपमानित किया है।
जानबूझकर समाज को किया अपमानित
यादव समाज के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने कहा कि मंत्री को पता होना चाहिए कि पशुपालन अन्य जाति समुदाय के लोग भी करते हैं। लेकिन, राउत नृत्य सिर्फ यादव समाज के लोग ही करते रहे हैं। बिलासपुर ही नहीं प्रदेश के साथ ही देश में राउत नाच ने लोक संस्कृति के रूप में पहचान बनाई है। राउत नृत्य यादवों की जातीय नृत्य है जो शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है और छत्तीसगढ़ का प्रमुख लोक नृत्यों में से एक है। मंत्री अमरजीत भगत ने जानबूझ कर यादव संस्कृति को अपमानित करने के लिए इस तरह की पोस्ट की है।
27 को हुआ था आयोजन, संस्कृति मंत्री भगत हुए थे शामिल
बिलासपुर में 27 नवंबर को राउत नाच महोत्सव का आयोजन किया गया था। इसमें संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव शामिल हुए थे। इस आयोजन के बाद उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि यह आयोजन पशुपालन से जुड़े समुदायों का पारंपरिक आयोजन है, जिसे वे हर्षोल्लास एवं पारंपरिक नृत्य के साथ मनाते हैं। इस पोस्ट पर यादव समाज ने आपत्ति जताते हुए मंत्री अमरजीत भगत से माफी मांगने की मांग की है।