छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 21 अगस्त 2021। कंपनियां और खुदरा निवेशक प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार को लेकर रुचि दिखा रहे हैं। कंपनियां आईपीओ लाने के लिए कतार में खड़ी हैं। इस बीच बाजार नियामक सेबी ने अरबपति गौतम अडाणी को झटका दिया है। सेबी ने गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले अडाणी समूह की कंपनी, अडाणी विल्मर के आईपीओ पर रोक लगा दी है। लोकप्रिय फॉच्यून ब्रांड से खाद्य तेल और फूड आइटम बनाने वाली कंपनी अडाणी विल्मर 4,500 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने वाली थी, लेकिन अडाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ चल रही जांच के चलते इस पर रोक लग गई है।
इस वजह से आईपीओ पर लगी रोक
मामले से वाकिफ एक शख्स ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि सेबी ने अडाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ चल रही जांच के चलते अडाणी विल्मर का आईपीओ रोक दिया है. सेबी की पॉलिसी के अनुसार, यदि किसी आईपीओ के लिए आवेदन करने वाली कंपनी के किसी डिपार्टमेंट में जांच चल रही हो तो उसके प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम को 90 दिनों तक मंजूरी नहीं दी जा सकती है। इसके बाद भी आईपीओ को 45 दिनों के लिए टाला जा सकता है।
1999 में हुई थी अडाणी विल्मर की स्थापना
अडाणी विल्मर की स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी। यह अडाणी समूह और सिंगापुर की कंपनी विल्मर का ज्वाइंट वेंचर है। कंपनी खाद्य तेल के अलावा बासमती चावल, आटा, मैदा, सूजी, रवा, दालें और बेसन जैसे सेगमेंट्स में कारोबार करती है। अगर कंपनी की आईपीओ की योजना सफल हो जाती है, तो यह बाजार में सूचीबद्ध होने वाली अडाणी समूह की सातवीं कंपनी होगी। अडाणी ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों में अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी पावर, अडाणी टोटल गैस और अडाणी ग्रीन एनर्जी शामिल हैं।
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने दी थी जांच की जानकारी
इससे पहले वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सदन में अडाणी समूह के बारे में बड़ी बात कहीथी। चौधरी ने कहा कि डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) अडाणी समूह की कुछ कंपनियों की जांच कर रहे हैं। यह जांच सेबी के नियमन संबंधी है। ईडी की तरफ से किसी तरह की जांच नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की होल्डिंग अडाणी ग्रुप के शेयरों में डे-टू-डे ट्रेडिंग के आधार पर है।