
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 19 जुलाई 2021। किसानों ने 22 जुलाई से संसद मार्च का आह्वान किया हुआ है। दिल्ली पुलिस किसानों को ऐसा न करने पर मनाने में जुटी है। रविवार को किसानों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच सिंघु बॉर्डर पर बैठक हुई। पुलिस अधिकारियों की तमाम मनुहार के बावजूद कृषक ऐन संसद के सामने ‘किसान संसद’ लगाने की अपनी जिद पर अड़े रहे। आखिर में बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई। सूत्रों का कहना है कि किसान सीमित संख्या के लिए मान जाएं तो पुलिस उन्हें जंतर-मंतर आने देने पर विचार कर सकती है। कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ ही पुलिस वीवीआईपी इलाके की सुरक्षा व्यवस्था पर कोई भी लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है। इसे लेकर राजधानी के सभी बॉर्डर पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। नई दिल्ली की ओर आने वाले हर रास्ते पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि रविवार दोपहर करीब 12:30 बजे नई दिल्ली रेंज के संयुक्त आयुक्त जसपाल सिंह और बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त राजीव रंजन व अन्य अधिकारी बैठक के लिए सिंघु बॉर्डर के पास एक बैंक्वट हॉल पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की ओर से नौ सदस्यों की टीम ने पुलिस से बातचीत की। किसानों का कहना था कि उनका धरना-प्रदर्शन का कोई विचार नहीं है। रोज अलग-अलग राज्यों से आए करीब 200 किसान जाकर संसद लगाएंगे और कृषि कानून वापस लेने का दबाव बनाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक, किसानों ने जिद न छोड़ी तो पुलिस की ओर से कहा गया कि दिल्ली जाने के लिए उनकी संख्या सीमित होनी चाहिए। इसके आश्वासन पर दिल्ली पुलिस किसानों को नई दिल्ली आने देने पर विचार कर सकती है। करीब एक घंटा चली बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई।
संसद भवन के साथ नई दिल्ली जिले में सुरक्षा बढ़ी
किसानों के नई दिल्ली आने के आह्वान के बाद से ही दिल्ली पुलिस की चिंता बढ़ी हुई है। संसद भवन की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। राजधानी के सभी बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया गया है। नई दिल्ली जिले के एंट्री प्वाइंट पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान रोक के बावजूद किसानों के नई दिल्ली की ओर कूच करने की स्थिति से निपटने का अभ्यास किया गया।उधर, पूरे संसद सत्र के दौरान नई दिल्ली जिले के सात मेट्रो स्टेशन पर भी अलर्ट जारी किया गया है। जरूरत पड़ने पर इन स्टेशनों को तत्काल बंद कर दिया जाएगा। 26 जनवरी को किसानों के उपद्रव के बाद से दिल्ली पुलिस फूंक-फूंककर कदम रख रही है।
सिंघु बॉर्डर से रोज संसद कूच करेंगे 200 किसान
तीन कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग लेकर पिछले साल नवंबर से राजधानी की तीन सीमाओं पर आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एलान किया है कि सिंघु बॉर्डर से रोज 200 किसान संसद मार्च करेंगे। एसकेएम की नौ सदस्यीय कमेटी के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों का संसद मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा। इसमें जाने होने वाले किसानों के पास आईडी कार्ड, आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र होंगे। अनुशासन का सख्ती से पालन किया जाएगा, ताकि किसी अराजक तत्व को इसमें शामिल होने का मौका नहीं मिल सके। संसद मार्च के लिए जाने वालों को पूरी तरह अनुशासन में रहने की हिदायत दी जा चुकी है। संसद मार्च में एसकेएम में शामिल सभी 40 संगठनों की बराबर भागीदारी होगी। प्रत्येक संगठन से रोज 5-5 किसानों को संसद मार्च का मौका मिलेगा। मार्च में शामिल होने के लिए विशेष पहचान पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश का किसान आंदोलित है। संसद मार्च में जाने वाले संगठन के पांच-पांच प्रतिनिधियों में भी एक के पास समूह के नेतृत्व का जिम्मा होगा। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा कि पुलिस को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए जाने वाले किसानों के आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर की भी जानकारी दी जाएगी।