छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई 10 दिसंबर 2024। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषी लोगों को समर्थन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि महायुति सरकार कर्नाटक के बेलगावी और आसपास के मराठी भाषी इलाकों के निवासियों का समर्थन करने और दशकों से चले आ रहे इस विवाद को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बेलगावी सहित मराठी भाषी क्षेत्रों को पश्चिमी राज्य में विलय करने की मांग करने वाले एक संगठन द्वारा आयोजित सभा को अनुमति नहीं दी, जिसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद फिर से गर्मा गया है। सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे ने कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों को समर्थन देने का वादा करते हुए विधान परिषद में अलग-अलग बयान दिए।
एकीकृत महाराष्ट्र के लिए जारी रहेगी लड़ाई: फडणवीस
सीएम फडणवीस ने कहा महाराष्ट्र सरकार और विधायिका मिलकर इन क्षेत्रों के लोगों का समर्थन करेंगे। बेलगावी, कारवार, निपानी और एकीकृत महाराष्ट्र के लिए लड़ाई जारी रहेगी। हम न्याय सुनिश्चित करेंगे।
सीमा विवाद सुलझाने को कानूनी प्रयास मजबूत करेंगे: शिंदे
वहीं, डिप्टी सीएम शिंदे ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने मराठी सभा का विरोध किया और महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के 100 से अधिक नेता-कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। साथ ही बेलगावी में धारा 144 लगा दी। महाराष्ट्र इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कानूनी प्रयासों को मजबूत करेगा।
दानवे ने केंद्र शासित प्रदेश बनाने की पेशकश की
विपक्ष के नेता शिवसेना (यूबीटी) के अंबादास दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र को एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए, जिसमें केंद्र सरकार से बेलगावी और अन्य मराठी भाषी क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की जाए। वहीं, विधान परिषद की उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोरे ने कहा कि वह कर्नाटक परिषद को पत्र लिखकर बेलगावी में सुवर्ण विधान सौध में हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर के चित्र को फिर से स्थापित करने का अनुरोध करेंगी।
नाना पटोले ने भाजपा पर पाखंड का आरोप लगाया
इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दक्षिण मुंबई में विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बात की। उन्होंने कर्नाटक के साथ सीमा विवाद से निपटने में भाजपा पर पाखंड का आरोप लगाया। पटोले ने कहा कि जब कर्नाटक में भाजपा की सरकार थी, तब उन्होंने बेलगावी में मराठी भाषी लोगों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी साधी थी, लेकिन अब यह सिर्फ राजनीति का हिस्सा बन गया है।
1960 के दशक में राज्यों के पुनर्गठन के बाद शुरू हुआ सीमा विवाद
महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा विवाद 1960 के दशक में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद शुरू हुआ था। महाराष्ट्र बेलगावी पर दावा करता है, क्योंकि यहां मराठी भाषी लोगों की बड़ी आबादी है। कर्नाटक इसका विरोध करता है और कहता है कि सीमा विवाद सुप्रीम कोर्ट में है।