छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बीजापुर 03 सितंबर 2024। छत्तीगढ़ में दंतेवाड़ा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक जवानों ने नौ नक्सलियों को ढेर कर दिया है। मौके से माओवादियों के शवों के साथ भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बस्तर डिवीजन में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना मिलने पर पुलिस की संयुक्त टीम सर्चिंग अभियान पर निकली थी। तीन सितंबर को सुबह सर्चिंग के दौरान जवानों और नक्सलियों से हुआ तभी गोलीबारी के दौरान नौ माओवादीमारे गए। फिलहाल फायरिंग रुक-रुक कर जारी है, और जवान मोर्चा संभाले हुए हैं।
नक्सलियों की मौजूदगी की मिली थी जानकारी
मिली जानकारी के मुताबिक जंगली इलाके में नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। सूचना मिलने पर दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की पुलिस ने अन्य सुरक्षाबलों के साथ मिलकर ऑपरेशन चलाया। अभी मुठभेड़ जारी है। बड़ी संख्या में नक्सली घायल हुए हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
29 अगस्त को मारे गए थे तीन माओवादी
इससे पहले 29 अगस्त को भी नारायणपुर-कांकेर बॉर्डर पर नक्सलियों और पुलिस में मुठभेड़ हुई थी जिसमें सुरक्षा बलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया था। अगस्त की शुरुआत में भी दंतेवाड़ा पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली थी। मुठभेड़ में एक हार्डकोर नकस्ली मारा गया था। साथ ही, हथियार और अन्य सामान भी बरामद किए गए थे। इसके लिए जवान बारिश के मौसम में उफनती इंद्रावती नदी को पार कर नक्सलियों के ठिकानों तक पहुंचे थे।
‘लाल आतंक’ के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों ने संभाला मोर्चा
नक्सलवाद के खात्मे के लिए छत्तीसगढ़ में जवानों ने अभियान चला रखा है। लगातार नक्सलियों का एनकाउंटर हो रहा है। इससे नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं। नक्सल मोर्चे पर फोर्स को एक के बाद एक बड़ी कामयाबी मिल रही है। फोर्स बस्तर संभाग में डेरा जमाए हुए है। नक्सलियों की मांद में घुसकर उनसे टक्कर ले रही है। बस्तर में मानसून सीजन के बीच फोर्स के जवान डटे हुये हैं और नक्ससियों से लोहा ले रहे हैं। बस्तर की मनमोहक और खूबसूरत प्राकृतिक वादियों से ‘लाल आतंक’ के साये को खत्म करने के लिए बस्तर संभाग में फोर्स ने मोर्चा संभाल रखा है।
16 अप्रैल को कांकेर में 29 नक्सली हुए थे ढेर
16 अप्रैल को कांकेर में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गये थे। यह देश की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ थी, जिससे नक्सली डर के भय से कांप उठे थे। 30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। बूझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में डीआरजी और एसटीएफ के जवानों का सामना नक्सलियों से हुआ था। मारे गए नक्सलियों में 3 महिला और 7 पुरुष माओवादी शामिल थे। प्राथमिक तौर पर मुठभेड़ में मारे गये माओवादियों में से 2 की शिनाख्तगी डीवीसीएम जोगन्ना और डीवीसीएम विनय उर्फ अशोक के रूप में हुई थी। इस साल बस्तर रेंज में 141 माओवादी ढेर हो चुके हैं।