छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 01 जुलाई 2024। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के जन्मदिन पर उनके सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी समर्पण, अनुकूलनशीलता और अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की। पीएम मोदी ने लेख में लिखा- एम. वेंकैया नायडू गारू ने राष्ट्रसेवा और जनसेवा को हमेशा सर्वोपरि रखा है। मैं उनके दीर्घायु होने और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं। देश में उनके लाखों चाहते वाले हैं। पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति बनने से पहले भाजपा के अनुभवी नेता एम. वेकैंया नायडू पर लिखे अपने एक लेख में उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा भारतीय राजनीति की जटिलताओं को सहजता और विनम्रता के साथ समझने की उनकी अद्वितीय क्षमता का उदाहरण है। उन्होंने कहा, कि मुझे उम्मीद है कि युवा कार्यकर्ता, निर्वाचित प्रतिनिधि और सेवा करने का जुनून रखने वाले सभी लोग उनके जीवन से सीखेंगे। उनके जैसे लोग ही हमारे देश को बेहतर और जीवंत बनाते हैं। वेंकैया जी का 75वां जन्मदिवस एक विशाल व्यक्तित्व की व्यापक उपलब्धियों को समेटे हुये है। जिसके बारे में सभी देशवासियों को जानना चाहिए।
उन्हें हर पार्टी में सम्मान मिला है- पीएम
उन्होंने कहा कि उनकी वाकपटुता, हाजिरजवाबी और विकास से जुड़े मुद्दों के प्रति उनकी सक्रियता के कारण उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर हर पार्टी में सम्मान मिला है। उनका जन्मदिन एक ऐसे नेता का जश्न मनाने का अवसर है, जिनकी जीवन यात्रा समर्पण, अनुकूलनशीलता और सार्वजनिक सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है- पीएम
इस दौरान पीएम मोदी ने उनके साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और कहा कि उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि अगर उनके जीवन में एक चीज समान रही है, तो वह है लोगों के प्रति उनका प्यार। उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सक्रियता और राजनीति से उनका जुड़ाव आंध्र प्रदेश में छात्र नेता के रूप में छात्र राजनीति से शुरू हुआ। उन्होंने कहा, उनकी प्रतिभा, वक्तृत्व और संगठनात्मक कौशल को देखते हुए, किसी भी राजनीतिक दल में उनका स्वागत किया जाता, लेकिन उन्होंने संघ परिवार के साथ काम करना पसंद किया, क्योंकि वे राष्ट्र प्रथम के दृष्टिकोण से प्रेरित थे। वे आरएसएस, एबीवीपी से जुड़े रहे और फिर जनसंघ और भाजपा को मजबूत किया।
‘आपातकाल विरोधी आंदोलन में कूदे थे युवा वेंकैया गारू’
प्रधानमंत्री ने लिखा जब लगभग 50 साल पहले आपातकाल लगाया गया था, तब युवा वेंकैया गारू ने खुद को आपातकाल विरोधी आंदोलन में झोंक दिया था। उन्हें जेल भी जाना पड़ा था और आंध्र प्रदेश में एन. टी. रामाराव सरकार की बर्खास्तगी के खिलाफ आंदोलन में पूर्व भाजपा अध्यक्ष की भूमिका की भी प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा कि अपने मजाकिया शब्दों के लिए जाने जाने वाले वेंकैया नायडू निश्चित रूप से शब्दों के जादूगर हैं, लेकिन साथ ही वे काम के जादूगर भी हैं। उन्होंने कहा, एनटीआर जैसे दिग्गज ने उनकी प्रतिभा को देखा और उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करना चाहा, लेकिन वेंकैया ने अपनी मूल विचारधारा से विचलित होने से इनकार कर दिया। उन्होंने विधानसभा में पार्टी का नेतृत्व किया और आंध्र प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बने।
उनकी रुचि का क्षेत्र ग्रामीण विकास- पीएम
पीएम मोदी ने लेख में लिखा- साल 2000 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नायडू को मंत्री के रूप में सरकार में शामिल करने के इच्छुक थे, तो नायडू ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिए अपनी प्राथमिकता बताई। पीएम मोदी ने आगे कहा, कि इससे अटलजी समेत सभी लोग हैरान रह गए। लेकिन वेंकैया का रुख स्पष्ट था – वे किसान पुत्र थे; उन्होंने अपने शुरुआती दिन गांवों में बिताए। इसलिए, उनकी रुचि का क्षेत्र ग्रामीण विकास था।
‘ वे राज्यसभा के एक बेहतरीन अध्यक्ष थे’
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा कि उपराष्ट्रपति के रूप में उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए, जिससे कार्यालय की गरिमा बढ़ी। वे राज्यसभा के एक बेहतरीन अध्यक्ष थे, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि युवा, महिला और पहली बार सांसद बने लोगों को बोलने का अवसर मिले। पीएम मोदी ने इस दौरान याद किया कि जब अनुच्छेद 370 और 35(ए) को हटाने का निर्णय राज्यसभा में रखा गया, तो वेंकैया नायडू ही अध्यक्ष के रूप में बैठे थे। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि यह उनके लिए एक भावनात्मक क्षण था – वह युवा लड़का जो श्यामा प्रसाद मुखर्जी के अखंड भारत के सपने से आकर्षित था, कुर्सी पर था, जब यह अंततः हासिल हुआ।
बता दें कि एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के जीवन पर लिखी तीन पुस्तकों का विमोचन किया था। इस दौरान भी प्रधानमंत्री ने उनके राजनीतिक और सामाजिक जीवन के साथ केंद्र सरकार और उपराष्ट्रपति के तौर पर किए गए कामों को याद किया था।