बिहार के छपरा रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले – न तो मेरा और न ही नीतीश का रिश्तेदार संसद में , कुछ लोग सिर्फ परिवार में ही टिकट बांट रहे

Chhattisgarh Reporter
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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर          

छपरा 01 नवंबर 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रविवार को बिहार में तीसरा दौरा है। सबसे पहले उन्होंने छपरा में रैली की। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि हमारी डबल इंजन वाली सरकार है, तो यहां डबल युवराज हैं। यूपी में जो डबल युवराज (राहुल-अखिलेश यादव) का हुआ, वही बिहार में भी होने वाला है।

इसके अलावा मोदी समस्तीपुर, मोतिहारी और बगहा (पश्चिमी चंपारण) में भी जनसभाएं करेंगे। इन चार सभाओं में मोदी 66 सीटों को कवर करेंगे।। इन सीटों पर भाजपा के 34, जदयू के 30 और वीआईपी के 2 कैंडिडेट लड़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छपरा रैली की खास बातें –

चुनावी पंडितों के आकलन गलत साबित हुए

चुनाव सभाएं हमने पहले भी देखी हैं। सुबह दस बजे से पहले इतनी विशाल रैली कभी संभव नहीं होती। इसका एक कारण यह है कि जो पहले चरण में जो मतदान हुआ, उसमें सोचा जा रहा है कि कोरोना के कारण मतदान नहीं होगा, लेकिन बिहार के लोगों ने चुनावी पंडितों की यह धारणा को गलत साबित कर दिया। भारी मतदान हुआ।

दोबारा NDA की सरकार बनने जा रही

पहले चरण के मतदान के आधार पर कुछ पत्रकारों ने अनुमान लगाया है कि नीतीश बाबू के नेतृत्व में एनडीए की सरकार दोबारा बन रही है। इस क्षेत्र के लोगों का यह जोश आपकी यह हुंकार बिहार के जनादेश का संकेत दे रहे हैं। लग रहा है कि गांव के लोगों ने चुनाव से पहले ही विजय की दुंदुभी बजा दी है। बिहार के लोगों को भ्रम में डालने की कुछ लोगों की कोशिशें आप लोगों ने नष्ट कर दी हैं।

बौखलाहट में मुझे भी गाली दे रहे

एनडीए के प्रति आप लोगों का यह प्रेम कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है। कुछ तो अपने ही कार्यकर्ताओं को मार रहे हैं। उनकी हताशा-निराशा, उनकी बौखलाहट उनका गुस्सा अब बिहार की जनता देख रही है। चेहरे से हंसी गायब हो गई है। इतने बौखला गए हैं कि मोदी को भी गाली देने लगे हैं। मुझे गाली दीजिए, लेकिन अपना गुस्सा बिहार के लोगों पर मत उतारिए। ये लोग बिहार के लोगों की भावनाएं कभी नहीं समझ सकते। वे अपने परिवार के लिए पैदा हुए हैं, परिवार के लिए ही जी रहे हैं, परिवार के लिए ही जूझ रहे हैं। जिनकी नजर विकास के पैसों पर हो, उन्हें गरीबों की तकलीफ दिखाई नहीं देगी।

मोदी ने नल दिया, बिजली दी, गैस दी, पेंशन दी

कुछ दिन पहले मैं बिहार का एक वीडियो देख रहा था, जो सोशल मीडिया पर चल रहा है। वह वीडियो एक बुजुर्ग महिला का है। उनसे एक व्यक्ति पूछता है कि मोदी को आखिर वोट क्यों दोगी, उन्होंने तुम्हारे लिए क्या किया। उस गरीब मां, उन महिला ने इस सवाल का एक सांस में जवाब दे दिया। जब वो मां बोल रही थी, तब सवाल पूछने वाले का चेहरा देखने लायक था। उसकी बोलती बंद हो गई थी। बिना लाग-लपेट के उस महिला ने कहा- मोदी ने हमें नल दिया, बिजली दी, राशन दिया, पेंशन दे रहे हैं, गैस दी। उनको कौन वोट नहीं देगा। क्या तुम्हें देंगे। आज बिहार की महिलाएं, बिहार की बेटियां, यहां के लोग NDA के विरोधियों से यही कह रहे हैं कि NDA को वोट नहीं देंगे तो क्या तुमको देंगे। यह सब मोदी का नहीं, आपके वोट की ताकत है।

हमारी डबल इंजन की सरकार, दूसरी तरफ डबल युवराज

एनडीए को दिए एक वोट से ही यह संभव हो सका है। आज बिहार में डबल इंजन की सरकार है तो दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज (तेजस्वी यादव-राहुल गांधी) भी हैं। एक तो जंगलराज के युवराज भी हैं। जो उत्तर प्रदेश में डबल युवराज (अखिलेश यादव-राहुल गांधी) का हुआ वही बिहार में होने वाला है। एनडीए का हमारा गठबंधन बिहार के लोगों के जीवन से मुश्किलें कम कर रहा है।

आपका बेटा भूखा नहीं सोने देगा

गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसलिए दिवाली और छठ पूजा तक अब किसी मां को वह चिंता करने की जरूरत नहीं है कि छठ पूजा को कैसी मनाएंगे। मेरी मां, तुमने अपने इस बेटे को दिल्ली में बैठाया है, क्या वह आपकी छठ पूजा की चिंता नहीं करेगा। आप तो छठ पूजा की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है। मां छठ पूजा का त्योहार मनाओ, तुम्हारा बेटा भूखा नहीं सोने दूंगा।

किडनैपिंग करने वालों को याद रखिए

बिहार के नौजवान अपने बचपन के दिन नहीं भूल सकते। याद करें कि बचपन में उनकी मां क्या कहती थीं। हर मां, गरीब हो या अमीर, यही कहती थीं, घर के भीतर ही रहो, बाहर मत निकलना, लकड़सुंघवा घूम रहा है। मां उन्हें लकड़सुंघवा से क्यों डराती थी? वह डराती थी, किडनैपिंग करने वालों से। जिस बिहार में यह हाल रहा हो, उससे लोग क्या उम्मीद लगा सकते हैं। नए वोटरों याद रखना है कि बिहार को सुधारने में लोगों ने बहुत तपस्या की है। उन लोगों को लालटने का उजाला लौटता दिखेगा, वे निराश हो जाएंगे।

समस्तीपुर में मोदी


लोगों का NDA पर भरोसा
हर सर्वे NDA की जीत का दावा कर रहा है। इसकी वजह है एनडीए की सरकार हमारी माताएं और बहनें बना रही है। नीतीश बाबू और NDA की सरकार ने इनको सुविधाएं दी हैं। बेटियां आज पढ़ाई कर रही है। बढ़-चढ़ कर विकास में हिस्सा ले रही है। जीविका दीदियां आत्मनिर्भर हो रही है। ये सब एनडीए को ताकत दे रही है। घरों में उज्ज्वला का सिलेंडर पहुंच चुका है। बिहार के बेटे-बेटियों को मुद्रा लोन मिल रहा है। ये अपने उज्जवल भविष्य के लिए एनडीए पर भरोसा कर रहे हैं।

NDA लोकतंत्र के लिए समर्पित
बिहार ने पूरे विश्व को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है। यहां की पवित्र धरती से ही दुनिया में लोकतंत्र की कोपल निकली थी। फैसलों में जनता की सहभागिता होती है, तभी लोकतंत्र भी मजबूत होता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक नजर दौड़ाइए। लोकतंत्र के लिए पूरी तरह से समर्पित NDA का गठबंधन है। दूसरी तरफ निजी हित और पारिवारिक हित के लिए परिवारतंत्र का गठबंधन है। जंगलराज के युवराज को तो आप बराबर देख रहे हैं। कांग्रेस पार्टी का दायरा भी सिमट रहा है।

न तो मेरा और न ही नीतीश का रिश्तेदार संसद में
सिर्फ परिवार के लिए काम कर रही इन पार्टियों ने आपके लिए क्या किया। बंगले बने तो किसके बने। महल बने तो किसके लिए बने। गाड़ियों का काफिला बना। सिर्फ अपने और परिवार के लोगों को टिकट दिया। क्या नीतीश बाबू का कोई रिश्तेदार संसद पहुंचा, मंत्री बना है, क्या मेरा कोई रिश्तेदार कहीं पहुंचा?

पहले राष्ट्रवाद और फिर तेजस्वी पर बात
मोदी का बिहार में पहला दौरा 23 अक्टूबर को हुआ था। इस दिन उन्होंने तीन रैलियां की थीं। पहले दौरे में मोदी ने राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया था। पुलवामा हमले, गलवान घाटी की झड़प, 370 का जिक्र किया। उन्होंने कहा था कि अगर ये लोग सत्ता में आ गए, तो आर्टिकल-370 को फिर से लागू कर देंगे।

दूसरा दौरा 28 अक्टूबर को हुआ। इस दिन भी तीन रैलियां हुईं। मोदी ने राष्ट्रवाद की जगह लालू यादव और तेजस्वी पर निशाना साधा। तेजस्वी को जंगलराज का युवराज तक कह दिया। मोदी ने कहा, ये जंगलराज के युवराज हैं, अगर ये आ गए तो सरकारी नौकरी तो छोड़िए, प्राइवेट कंपनियां भी यहां से भाग जाएंगी।

मोदी की अगला दौरा 3 नवंबर को, इसी दिन वोटिंग भी
मोदी का बिहार में अगला दौरा 3 नवंबर को होगा। इस दिन मोदी की पश्चिमी चंपारण, सहरसा और अररिया के फारबिसगंज में होनी है। इसी दिन 94 सीटों पर वोटिंग भी है। इनमें से 4 सीटें पश्चिमी चंपारण और सहरसा भी है। मोदी ने 2015 के चुनाव में बिहार में 31 रैलियां की थीं। इस बार 12 रैलियां ही कर रहे हैं।

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