बिलासपुर। कद्दू एक गजब की सब्जी है. यह उन विशेष सब्जियों में से एक है जो शरीर को अंदर से स्वस्थ रखता है तो बाहर से निखारता भी है. कद्दू का नियमित सेवन करेंगे तो अवसाद से बचे रहेंगे. इसका सेवन बुढ़ापे के आने की स्पीड को भी कम कर देता है. इसे स्किन और बालों के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है। कद्दू दुनिया की उन सब्जियों में से एक है, जिसे बेहद प्राचीन माना जाता है. यह पूरी दुनिया में उगता है और विभिन्न आहार और डिशेज के लिए उपयोग में लाया जाता है. यह वजनदार सब्जी है और पोषकता के मसले में भी खासी ‘वजनदार’ है. यह उन गिनी-चुनी सब्जियों में से एक है जो शरीर के अंदर के सिस्टम को तो स्मूद रखती है, साथ ही आपको बाहरी तौर पर खूबसूरत बनाने में भी कामयाब है, इसलिए डॉक्टर और डायटिशियन भोजन में कद्दू को शामिल करने की सलाह देते है।
कद्दू के सेवन के कुछ विशेष लाभ
1. फूड एक्सपर्ट मानते हैं कि कद्दू में विशेष प्रकार के विटामिन्स व मिनरल्स हैं जो शरीर के लिए बेहद गुणकारी हैं. इसमें कैलोरी व फैट न के बराबर होता है तो फाइबर, मैग्निशियम, आयरन, पोटेशियम, सल्फर, प्रोटीन कैल्शियम, सोडियम, कॉपर, विटामिन ए व सी पाया जाता है. जानी-मानी डायटिशियन अनीता लांबा के अनुसार अगर आपकी स्किन ऑयली है तो कद्दू का फेसपैक इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर स्किन में रुखापन है तो कद्दू की प्यूरी में शहद और दूध डालकर लगा लें, स्किन चमकने लगेगी. यह मुंहासों में भी लाभकारी है. खास बात यह है कि कद्दू में अल्फा-कैरोटीन, पोटेशियम और जिंक व अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं जो बाल उगाने और उन्हें स्वस्थ रखने में विशेष भूमिका निभाते हैं।
2. कद्दू का सेवन दिमाग के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है. असल में जीवन की कई झंझटों के अलावा शरीर में ट्रिप्टोफैन की कमी अक्सर अवसाद का कारण बन जाती है. कद्दू में एल-ट्रिप्टोफैन (मानसिक अवसाद में उपयोगी घटक) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो अवसाद और तनाव को कम करता है. एक रिसर्च ने माना है कि कद्दू एक प्राकृतिक अवसादरोधी सब्जी है, इसे नियमित खाने से नींद भी अच्छी आती है।
3. कद्दू का नियमित सेवन बुढ़ापा आने की गति को कम कर देता है. उसका कारण यह है कि इसका सेवन स्किन व बालों को स्वस्थ रखता है. इसमें कैलोरी कम होती है और फाइबर के चलते यह डाइजेशन को दुरुस्त रखता है. इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन आंखों की रोशनी बनाए रखता है तो इसमें मौजूद पोटेशियम और मैग्निशियम हार्ट व मसल्स को स्मूद बनाए रखते हैं, साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने में योगदान करते हैं. अगर अगर शरीर इतना अधिक ‘मजबूत’ हो जाएगा तो बुढ़ापे का समय आगे चला जाएगा।
4. आपको यह भी बता दें कि कद्दू में पाए जाने वाले विशेष मिनरल्स स्ट्रोक के खतरे को कम करते हैं और धमनियों को सख्त होने से बचाते हैं, जिससे हाई बीपी का खतरा कम रहेगा. इसका लाभ यह रहेगा कि हार्ट में समस्या नहीं आएगी. इसमें मौजूद विटामिन गठिया रोगों से भी शरीर को दूर रखते हैं. यह शरीर की विषाक्तता को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
कद्दू का इतिहास और सफर है दिलचस्प
कद्दू हजारों वर्षों से भारत में उगाया और खाया जा रहा है, इसके बावजूद यह विदेशी सब्जी है. लेखक व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिश्वजीत चौधरी ने अपनी पुस्तक ‘VEGETABLES’ में इसकी उत्पत्ति कई हजारों वर्ष पूर्व अमेरिका का उष्णबंधीय क्षेत्र माना है. वैसे आज से 3 हजार वर्ष पूर्व लिखे गए भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में कद्दू (कूष्मांड) को क्षारयुक्त, मधुर अम्ल वाला और तीनों दोष (वात-पित्त-कफ) का नाशक बताया गया है.