नई दिल्ली के राजपथ पर छाया छत्तीसगढ़ के वाद्य यंत्रों का जादू : देश भर के लोगों ने अनूठे और परंपरागत वाद्य यंत्रों पर आधारित राज्य की झांकी को सराहा

Chhattisgarh Reporter
शेयर करे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर          

रायपुर 26 जनवरी  2021। देश के लोगों ने आज नई दिल्ली के राजपथ पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर आधारित निकली झांकी को न केवल बड़ी उत्सुकता के साथ देखा बल्कि इसकी उन्मुक्त कंठो से सराहना भी की।  यह झांकी नेशनल मीडिया के साथ ही लोगों के दिलो-दिमाग में छा गई। गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर आधारित राज्य की झांकी देश भर के लोगों का आकर्षण का केन्द्र बनी वहीं यह सोशल मीडिया पर भी छायी रही। देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार इसको सराहना मिल रही है।

नेशनल मीडिया टाइम्स नाउ ने अपने ट्विटर हेण्डल में इसकी सराहना करते हुए लिखा है कि भारत की सांस्कृतिक विविधता आज पूरे वैभव के साथ राजपथ पर दिखी। हिन्दुस्तान टाईम्स ने लिखा कि झांकी में छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी नृत्य और संगीत परम्परा को प्रदर्शित किया गया। फाइनंेशियल एक्सप्रेस ने अपने ट्विटर हेण्डल में लिखा कि छत्तीसगढ़ राज्य की झांकी में संगीत के विविध वाद्य यंत्रों को बहुत खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया है।


गौरतलब है कि यह झांकी छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क विभाग के द्वारा तैयार की गई है। इस झांकी के निर्माण के लिए पिछले दो माह से तैयारी की जा रही थी। कई प्रस्तावों पर विचार करने के बार इस झांकी का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ की झांकी में छत्तीसगढ़ के लोक संगीत का वाद्य वैभव को प्रदर्शित किया गया है। छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्यों को उनके सांस्कृतिक परिवेश के साथ बडे़ ही खूबसूरत ढंग से इसे दिखाया गया है। प्रस्तुत झांकी में छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर से लेकर उत्तर में स्थित सरगुजा तक विभिन्न अवसरों पर प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्य शामिल किए गए हैं। इनके माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्थानीय तीज त्योहारों तथा रीति रिवाजों में निहित सांस्कृतिक मूल्यों को भी रेखांकित किया गया है।

झांकी के ठीक सामने वाले हिस्से में एक जनजाति महिला बैठी है जो बस्तर का प्रसिद्ध लोक वाद्य धनकुल बजा रही है। धनकुल वाद्य यंत्र, धनुष, सूप और मटके से बना होता है। जगार गीतों में इसे बजाया जाता है। झांकी के मध्य भाग में तुरही है। ये फूँक कर बजाया जाने वाला वाद्य यंत्र है, इसे मांगलिक कार्यों के दौरान बजाया जाता है। तुरही के ऊपर गौर नृत्य प्रस्तुत करते जनजाति हैं। झांकी के अंत में माँदर बजाता हुआ युवक है। झांकी में इनके अलावा अलगोजा, खंजेरी, नगाड़ा, टासक, बांस बाजा, नकदेवन, बाना, चिकारा, टुड़बुड़ी, डांहक, मिरदिन, मांडिया ढोल, गुजरी, सिंहबाजा या लोहाटी, टमरिया, घसिया ढोल, तम्बुरा को शामिल किया गया है।

Leave a Reply

Next Post

हर्षोल्लास से मना 72वां गणतंत्र दिवस, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने मुख्य समारोह में किया ध्वजारोहण

शेयर करे छत्तीसगढ़ रिपोर्टर           बिलासपुर 26 जनवरी 2021।  बिलासपुर जिले में 26 जनवरी को 72वां गणतंत्र दिवस हर्षोंल्लास से मनाया गया। जिला मुख्यालय के पुलिस ग्राउण्ड में आयोजित मुख्य समारोह में उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने […]

You May Like

झारखंड में भीषण सड़क हादसा; यात्रियों से भरी बस पलटने से सात की मौत, कई घायल....|....हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद संभल की जामा मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाई, दो रास्ते किए बंद.. आरआरएफ की तैनाती....|....आम आदमी पार्टी की पहली सूची में 11 उम्मीदवारों का नाम....|....'मोदी-अदाणी एक हैं तो सेफ हैं', राहुल गांधी ने गिरफ्तारी की उठाई मांग, प्रधानमंत्री पर भी लगाए आरोप....|....झारखंड में 2019 से ज्यादा मतदान, पहले चरण की सीटों पर 2.9% तो दूसरे पर 1.51% अधिक वोटिंग....|....हसदेव जंगल की अवैध कटाई के दौरान आदिवासी युवक कमलेश सिरदार सहित तीन मजदूरों की मौत के लिए साय सरकार जिम्मेदार....|....भाजपा सरकार के राज में अपराधी बेलगाम, आम आदमी असुरक्षित....|....भाजपा सरकार किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती इसलिए खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था....|....रोमांस से एक्शन तक: नरगिस फाखरी ने छोड़ी अमित छाप....|....टाइगर श्रॉफ के बागी 4 में नए लुक ने होश उड़ाए