छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 08 दिसंबर 2023। भारत आतंकवाद के बढ़ते खतरों को रोकने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने गुरुवार को कही। इसके साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे देशों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया, जो आतंकवादियों को पनाह देना जारी रखे हैं।
राष्ट्र की मिलीभगत पर बात करने की जरूरत
‘अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध, बढ़ती चुनौतियां और नए खतरे’ विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की चर्चा में कंबोज ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘हमें अंतरराष्ट्रीय आपराधिक समूहों की गतिविधियों को दबाने में बढ़ती राजनीतिक या राष्ट्र की मिलीभगत पर बात करने की जरूरत है। कुछ देश आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देना जारी रखे है। इन लोगों न केवल गंभीर अपराध किए हैं, बल्कि जालसाजी और विरोधी-राज्य की मुद्रा के प्रसार, सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए हथियारों, ड्रग्स और अन्य साधनों की आपूर्ति जैसे माध्यमों से अपने विरोधी-राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाना जारी रखा है।’
देशों की कार्रवाई को जवाबदेह ठहराया जाना
रुचिरा कंबोज ने कहा कि ऐसे देशों की कार्रवाई को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ट्रिलियन डॉलर का सवाल शांति सुनिश्चित करना है। उन्होंने पूछा कि क्या हमारे पास वर्तमान समय और समकालीन वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व करने वाला शांति बुनियादी ढांचा है? या 2023 नया 1945 है?
कंबोज ने यूएनएससी की खुली बहस में कहा, ‘मैं आश्वस्त करती हूं कि भारत अंतरराष्ट्रीय समुदायों को मजबूत करने व संगठित अपराध और आतंकवाद के बढ़ते खतरों को रोकने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है।’
तत्काल कार्रवाई की जरूरत
पिछले साल नई दिल्ली में 90वीं इंटरपोल महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों को याद करते हुए कंबोज ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सामूहिक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने आगे कहा कि कई देश आपराधिक और आर्थिक अपराधियों को आर्थिक नागरिकता देते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे देशों को यूएनएससी के संबंधित प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों को पूरा करना चाहिए।